Canada-Australia जाने का पंजाबियो का टूटा सपना? हैरान करेगी पूरी खबर
punjabkesari.in Saturday, Aug 02, 2025 - 12:41 PM (IST)

पंजाब डेस्क : कनाडा-ऑस्ट्रेलिया जाने का पंजाबियों का अब सपना टूटता हुआ नजर आ रहा है। पंजाब में युवाओं के बीच विदेश जाने का जुनून अब धीमा पड़ता दिख रहा है। 2025 की पहली छमाही में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में पिछले एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों की इमिग्रेशन नीतियों में आई सख्ती मानी जा रही है। इसी के चलते अब पंजाब के युवा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित दूसरे देशों में जाने के लिए पासपोर्ट नहीं बनवा रहे हैं।
2025 में अब तक सिर्फ 3.60 लाख पासपोर्ट जारी
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 30 जून 2025 तक पंजाब में करीब 3.60 लाख पासपोर्ट बनाए गए। यानी औसतन रोजाना 1,978 आवेदन, जबकि यह आंकड़ा 2024 में लगभग 2,906 प्रतिदिन था। यदि यही रुझान बना रहा, तो साल के अंत तक यह संख्या लगभग 7.5 लाख तक ही पहुंचेगी जोकि 2021 को छोड़ दें तो बीते 10 वर्षों में सबसे कम होगी।
2021 के बाद सबसे कम आंकड़े
2021 में कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते सिर्फ 6.44 लाख पासपोर्ट बनाए गए थे, लेकिन वह आपातकालीन स्थिति थी। उस वर्ष कई पासपोर्ट ऑफिस बंद रहे थे। मगर 2025 की गिरावट सामान्य परिस्थितियों में दर्ज हुई है, जो चिंता का विषय भी बन रही है, खासकर उन युवाओं के लिए जो विदेश में करियर या शिक्षा के सपने संजोए बैठे हैं। बता दें कि, पंजाब में हर तीसरा व्यक्ति पासपोर्ट धारक है। इससे साफ दिखता है कि, युवाओं में विदेश जाने की कितनी ज्यादा इच्छा है।
सरकार ने 'वतन वापसी' को बताया वजह
पंजाब सरकार इसे अपनी नीतियों की सफलता मान रही है। आम आदमी पार्टी सरकार ने सत्ता में आने से पहले 'वतन वापसी' को बढ़ावा देने का वादा किया था। हालांकि जानकारों का मानना है कि वास्तविक वजह विकसित देशों की सख्त वीजा और इमिग्रेशन नीतियां हैं, जिनके चलते युवाओं का विदेश जाना मुश्किल हो गया है।
अगर कनाडा की बात करें तो यहां की सख्त नीतियों के चलते युवाओं की संख्या में कमी आई है। जहां पासपोर्ट बनवाने वालों में कमी आई है वहीं कनाडा से लौट रहे युवाओं की संख्या भी बढ़ रही है। युवाओं का कहना है कि, बदल रही सख्त नीतियों के चलते टेंशन ज्यादा है और स्ट्रेस भी बढ़ रहा है। ऐसे में लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं। यही नहीं कई-कई महीनों तक नौकरी नहीं मिलती। जब तक मिलती है खर्चा करना मुश्किल हो जाता है। पहले जैसा माहौल नहीं रहा। कनाडा में कम अनभुव वाले लोगों को नौकरी मिलना बहुत ही मुश्किल हो गया है और सिर्फ ट्रेंड स्टाफ की ही मांग कर रहे हैं। कनाडा में वीजा और इमीग्रेशन नियमों में आए बदलाव के चलते ही पासपोर्ट बनवाने में गिरवाट आई है। आपको बता दें कि, कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की 14 लाख के करीब आबादी है। 2013 के बाद से भारतीय प्रवासियों की संख्या 3 गुना से ज्यादा हुई है।
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