व्यापारियों, अध्यापकों व दुकानदारों ने फूंके केन्द्र व पंजाब सरकार के पुतले

punjabkesari.in Wednesday, Aug 08, 2018 - 10:08 PM (IST)

संगरूर(सिंधवानी, यादविन्दर): जनरल कैटेगरी वैल्फेयर फैडरेशन पंजाब के आह्वान पर एकत्र हुए सैंकड़ों अध्यापकों, व्यापारियों, दुकानदारों व वर्करों ने केंद्र व राज्य सरकार के पुतले फूंके। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एट्रो सिटी एक्ट द्वारा की जाती नाइंसाफियां जो कि जनरल व्यक्तियों पर की जाती हैं, पर कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। एट्रो सिटी एक्ट की आड़ में बहुत से झूठे केस जनरल वर्ग पर दर्ज किए जाते हैं। वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एट्रो सिटी एक्ट की मूल भावना को प्रभावित किए बिना यह फै सला दिया था कि संबंधित केस में पहले इन्क्वायरी हो फिर गिरफ्तारी हो। इसके साथ ही जमानत करवाने का हक भी दिया गया था जो किसी भी तरह गलत नहीं था परंतु सरकार को जनरल वर्ग की 67 प्रतिशत वोटों का कोई फिक्र नहीं।  

विधायकों को भेजी जाएंगी चूडिय़ां
वक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट ने 20-2-2018 के फैसले द्वारा उन्नतियांं मिलते आरक्षण को रद्द किया था क्योंकि हर विभाग में मंजूर पोस्टों पर अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारी अधिक कार्य कर रहे हैं, उन्नति को सीनियोरिटी के अनुसार करने के आदेश जारी किए हैं जिसको पंजाब सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया इसलिए जनरल कैटेगरी वैल्फेयर फैडरेशन पंजाब सरकार से मांग करती है कि कोर्टों से आए फैसलों को लागू करके जनरल वर्ग को इसका बनता हक दिया जाए। अगर समय की सरकारों ने अपने फै सले को वापस न लिया तो इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा व चुने गए विधायकों को चूडिय़ां भेजी जाएंगी। इस मौके अशोक कुमार, विजय गुप्ता, अनिल कुमार, नीरज अग्रवाल, सुखविन्द्र सिंह, अतुल, हरसुखमान सिंह आदि उपस्थित थे। 

रिपोर्ट में की गई है घपलेबाजी
इसी प्रकार पंजाब सरकार जनरल वर्ग विरुद्ध कार्य कर रही है। सुप्रीम कोर्ट व पंंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने तरक्कियों में आरक्षण बंद किया है क्योंकि आरक्षित श्रेणियों के कर्मचारी हर पोस्ट पर बड़ी संख्या में कार्य कर रहे हैं। सरकार के पास इस प्रकार का कोई डाटा नहीं है जिससे यह पता चलता है कि अनुसूचित जाति वर्ग से धक्का हो रहा है केवल राजनीतिक लाभ के लिए आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। जनरल वर्ग की सीटें निकालकर अनुसूचित जाति वर्ग को ही दी जा रही हैं। गत दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में समाज भलाई विभाग पंजाब की ओर से 500 पन्नों का मैमोरंडम कैबिनेट के आगे पेश किया गया। मंत्रिमंडल ने इस मैमोरंडम को पढ़े बिना ही मंजूरी दे दी। 500 पन्नों की रिपोर्ट में बहुत से आंकड़े गलत पेश किए गए हैं। इस रिपोर्ट में बहुत घपलेबाजी की गई है। 

Des raj