पंजाब की अर्थव्यवस्था पर चोट कर रहा ट्रैवल एजैंटों का फर्जीवाड़ा

punjabkesari.in Thursday, Jan 19, 2023 - 02:02 PM (IST)

अमृतसर: पंजाब में फैल चुका फर्जी ट्रैवल एजैंटों का मकड़जाल अब राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी चोट कर रहा है। आज युवा पीढ़ी विदेश जाने की खातिर कुछ भी करने को तैयार है, इसी कमजोरी का फायदा उठाकर मार्किट में बैठे फर्जी ट्रैवल एजैंट लोगों की कमाई को बड़ी आसानी से हड़प रहे हैं।

ट्रैवल एजैंटों के हाथों ठगे जाने वाले लोग एक तो अपना पैसा गवा रहे हैं वहीं दूसरी ओर उस पैसे को वापस लेने के लिए थानों व कोर्ट कचहरियों के चक्कर लगा रहे हैं, जबकि दूसरी और ट्रैवल एजैंट धोखे से इकट्ठा किए गए लोगों के इस पैसे को ही अपनी ढाल बना कर उनका सामना कर रहे हैं। धोखाधड़ी आज इमीग्रेशन इंडस्ट्री में अपनी जड़े इस कदर मजबूत कर चुकी है कि औलाद के हाथों मजबूर हुए माता-पिता इन फर्जी ट्रैवल एजैंटों का शिकार हो रहे हैं। अपनी औलाद को विदेश भेजने की चाह में अपना सब कुछ लुटाने वाले परिजन अपना पैसा वापस लेने के लिए भी सालों ट्रैवल एजैंटों के दफ्तरों के चक्कर ही नहीं लगा रहे, बल्कि कोर्ट कचहरी में भी धक्के खाने को मजबूर हो रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सरकार को ठोस रणनीति बनाने की ही नहीं, बल्कि इमीग्रेशन कारोबार को एक सख्त कानून के दायरे में लाने की जरूरत है।

पंजाब सरकार को उठाने होंगे कुछ ठोस कदम

-रजिस्टर्ड ट्रैवल एजैंटों की सूची सरकारी रोजगार विभाग के साथ-साथ नेट पर भी होनी चाहिए, ताकि हर व्यक्ति सही और गलत ट्रैवल एजैंट में फर्क देख सके।
-ट्रैवल एजैंटों के हाथों ठगी का शिकार होने वाले लोगों के लिए अलग से फास्ट ट्रैक कोट होनी चाहिए, ताकि उनके अपराध किस समय बाद सुनवाई हो सके और लोगों को इंसाफ मिल सके।
-मार्कीट में ब्लैक लिस्ट हुए ट्रैवल एजैंटों पर सरकार एक खास पैरामीटर लगाए, ताकि वे एक जगह से दूसरी जगह जाकर अपना कारोबार फिर से शुरू न कर पाए।
-सभी ट्रैवल एजैंसियों को आधार व पैन कार्ड के साथ-साथ जी.एस.टी. के दायरे में लिंक करना चाहिए।
-लाइसैंस जारी करने से पहले ट्रैवल एजैंट बैंक गारंटी के साथ-साथ अपने खातों का ऑडिट भी करवाएं जिस पर सरकारी मोहर हो।
-करोड़ों नहीं, बल्कि अरबों रुपए का पंचुका ट्रैवल एजैंटों का यह कारोबार सख्त कानून व नियमों के दायरे में लाने की जरूरत।

सर्वोच्च न्यायालय भी कर चुका है हिदायतें जारी

देश का सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट भी ट्रैवल एजैंटों द्वारा किए जा रहे करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े को कानून के दायरे में लाने के लिए पंजाब सरकार हिदायतें जारी कर चुका है। बावजूद इसके पंजाब सरकार इसे किसी भी कानूनी दायरे में नहीं ला सकी है। बेशक पुलिस प्रशासन ठगी का शिकार होने वाले लोगों की शिकायतों पर ट्रैवल एजैंटों के विरुद्ध धोखाधड़ी के मामले दर्ज करती है, मगर यह मामले कहां तक लोगों का पैसा उन्हें वापस लौटा पाते हैं या उन्हें इंसाफ दिला पाते हैं, यह समय के गर्भ में ही दम तोड़ देता है। पुलिस प्रशासन समय-समय पर ट्रैवल एजैंटों के लाइसैंस व उनके कागजातों की जांच के दावे करता है, मगर आए दिन लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी हो रही है जिसे सीधे तौर पर पुलिस की लापरवाही कहा जा सकता है।

विदेशों की ओर रुख करने वाली युवा पीढ़ी के पीछे का कारण बेरोजगारी

ट्रैवल एजैंटों का शिकार होने वाली युवा पीढ़ी हुए अधिकतर बेरोजगार है, जिन्हें ट्रैवल एजैंट एक सफल जिंदगी देने का सपना दिखा अपने जाल में फंसा लेते हैं और यहीं से शुरू होता है। फौजी ट्रेवल एजैंटों का फर्जीवाड़ा, धीरे-धीरे ट्रैवल एजेंट पैसा ठगने लगते हैं, जब सच्चाई सामने आती है तो ठगी का शिकार हुए पीड़ित पुलिस की चौखट पर जाते हैं। जहां कुछ की शिकायतें ले ली जाती है और कुछ की शिकायतों को जांच के दायरे में देर तक घुमाया जाता है। फर्जी ट्रैवल एजैंट अपने दलालों के जरिए भी युवा पीढ़ी को टारगेट करते हैं।

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News Editor

Urmila

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