175 उम्मीदवारों का भविष्य EVM में कैद, छिटपुट घटनाओं में इतने प्रतिशत पड़े वोट

punjabkesari.in Monday, Feb 21, 2022 - 02:03 PM (IST)

लुधियाना (पंकज): जिले की 14 विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कोरोना के साए के बीच मतदान शांतिमय माहौल में सम्पन्न हुआ। इन चुनावों में जितना जोर चुनाव आयोग और चुनाव लड़ रहे अलग सियासी पार्टियों के उम्मीदवारों द्वारा लगाया गया था, उसके मुकाबले आम जनता ने मतदान को लेकर उतना जोश नहीं दिखाया और मतदान का समय पूरा होने तक कुल 65.68 प्रतिशत हो मतदान रिकॉर्ड किया गया। हालांकि समाचार लिखे जाने तक चुनाव आयोग द्वारा फुल मतदान प्रविशत की जानकारी नहीं दी गई थी।

यह भी पढ़ेंः इस बार भी मतदान के दिन ही डेरा ने खोले समर्थन के पत्ते

वहीं अपेक्षा के विपरीत मतदान प्रतिशत में आई भारी गिरावट ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और सियासी पार्टियों की नींद उड़ा दी है। जिला चुनाव अधिकारी और डी.सी. बरिंद्र शर्मा और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने शांतिमय ढंग से मुकम्मल हुई मतदान प्रक्रिया के लिए वोटरों का धन्यवाद किया है।

रविवार सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग ने पुख्ता प्रबंध किए थे 14 विधानसभा सीटों पर कुल 26 लाख 93 हजार मतदाताओं के हाथ में चुनाव लड़ रहे 175 उम्मीदवारों का भाग्य था जिसके लिए चुनाव आयोग द्वारा 2979 पोलिंग स्टेशनों का गठन किया गया था जिनमें 1250 वोटों से ज्यादा वाले 14 बूथ भी शामिल थे।

यह भी पढ़ेंः इस उम्मीदवार के समर्थक ने वोट मांगने के लिए अपनाया यह तरीका, केस दर्ज 

 मतदान को लेकर सुबह से ही वोटरों का रुझान ठंडा रहा। साहनेवाल और समराला में जहां पहले घंटे में मतदान 6 प्रतिशत तक हुआ वहीं बाकी सीटों पर इससे भी कम यह प्रतिशत 2 से लेकर 4 प्रतिशत तक रही। दोपहर 1 बजे तक सबसे कम मतदान सेंट्रल विधानसभा सीट पर देखने को मिला जहां महज 22 प्रतिशत तक ही मतदान हुआ था। 

इसके अलावा वैस्ट विधानसभा हलके में 29 प्रतिशत ईस्ट और साऊथ में 25 साहनेवाल में 34 प्रतिशत, गिल में 22, नार्थ 26, आत्म नगर 27, पायल 31, खन्ना में 33, दाखा 36, रायकोट और जगराओं में 32 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ था।

यह भी पढ़ेंः भारत-पाक सरहदः करोड़ों की हेरोइन बरामद, स्मगलर फरार 

इसके बाद दोपहर 3 बजे तक वोटर घरों से निकलते दिखाई दिए और पोलिंग बूधों पर लाइन लगनी शुरू हुई। इस दौरान शहरी सीटों पर संवदान 40 प्रतिशत तक के करीब और ग्रामीण सीटों पर 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। मतदान के आखिरी घंटे में जिले की ग्रामीण सीटों पर जहां काफी भीड़ देखने को मिली, वहीं शहरी सीटों पर उतना जोश नहीं देखने को मिला पोलिंग चूथों में 6 बजे के बाद वोटरों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई जबकि जो बेटर बूध के भीतर लाइन में खड़े थे, उन्हें आखिर एक वोट डालने का मौका दिया गया।

मतदान को लेकर सभी आयु के वोटरों में जोश देखने को मिला। इस दौरान फेरे लेने से पहले जहां दूल्हा अपने साथ बारातियों को लेकर वोट डालने के लिए पहुंचा, वहीं नवजात शिशु को साथ लेकर महिला भी वोट डालने बूथ पर जाती देखी गई। हालांकि प्रशासन ने बुजुर्गों के लिए घर से मतदान की सुविधा दी थी, बावजूद इसके बुजुर्ग भारी गिनती में मतदान केंद्रों पर पहुंचे और अपनी वोट डाली।

यह भी पढ़ेंः बादल परिवार के कितने सदस्य पहुंचेगे विधानसभा, फैसले पर लगी सबकी नजरें

सैंसिटिव सीटों पर डी.सी. और सी.पी. ने खुद रखी नजर
जिन सीटों पर माहौल खराब होने की आशंका थी उन पर डी.सी. वरिंद्र शर्मा और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर खुद समय-समय पर जाकर नजर रखते देखे गए। शहर की 4 सैंसिटिव विधानसभा सीटों जिनमें आत्म नगर, साउथ साहनेवाल और गिल शामिल थे, को जहां सुरक्षा के मद्देनजर केंद्रीय सुरक्षा बलों के हवाले कर दिया गया था। वहीं दोनों वरिष्ठ अधिकारी मतदान प्रक्रिया खत्म होने तक इन इलाकों में नजरें बनाए रहे। यहां तक कि शाम 6 बजे के बाद उन्हें आत्म नगर विधानसभा हलके में चेकिंग करते देखा गया। इसी के साथ 785 संवेदनशील बूथों पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले।

पिछली बार की तुलना में करीब 9 प्रतिशत कम हुआ मतदान
चुनाव प्रचार दौरान अपनी-अपनी जीत के दावे करने वाली विभिन्न सियासी पार्टियों और उसके नेताओं को वोटरों ने पिछले चुनावों के मुकाबले करीब 9 प्रतिशत कम दिलचस्पी दिखाकर पशोपेश में डाल दिया है। गौरतलब है कि 2017 के पंजाब विधानसभा के चुनाव में 74.81 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि इस बार यह 65.68 प्रतिशत रह गया। पूरी प्रक्रिया दौरान खामोशी धारे रहे वोटरों के दिल की बात समझने के लिए जद्दोजहद करने वाले और अपनी-अपनी जीत के दावे करने वाले नेता कम हुई बेटिंग को लेकर अब अटकलें लगाने लगे हैं और कम वोटिंग को अपने अपने फायदे की बातकर अपने समर्थकों और लोगो को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि पंजाब की जनता के मूड को भांपने में असफल रहे नेताओं को अब बेसब्री से 10 मार्च का इंतजार है।

PunjabKesari

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Recommended News

Related News