डोप टेस्ट रिकार्ड को लेकर DGP मुख्यालय के हाथ खाली, 4 वर्ष पहले सरकार ने जारी किया था आदेश

punjabkesari.in Friday, Sep 30, 2022 - 01:02 PM (IST)

जालंधर:  सरकार की तरफ से नशे की सप्लाई को पूरी तरह रोकने और कैदियों को नशा मुक्त करने के लिए किए जा रहे यत्नों के तहत सरकारी कर्मचारियों, पुलिस कर्मचारियों के डोप टेस्ट करवाने के निर्देश जारी किए गए थे ताकि नशे में संलिप्त लोगों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। उधर, जब सूचना अधिकारी कंवलदीप कौर कौर से इस मामले बारे में पता लगाने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि इसका कोई भी रिकार्ड नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डोप टेस्ट और नशे में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों के रिकार्ड बारे समाजसेवी अजय मेहता ने आर.टी.आई. के हवाले से डी.जी.पी. मुख्यालय से जानकारी देने के लिए कहा था। 

गौरतलब है कि पुलिस और सरकारी कर्मचारियों के डोप टेस्ट करवाने के लिए ये निर्देश कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जारी किए थे । 4 जुलाई को 2018 को कैप्टन द्वारा डोप टेस्ट करवाने को लेकर तत्कालीन आदेश भी जारी किए थे। जानकारी के अनुसार 24 अगस्त 2018 को एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था परंतु इसके बावजूद पंजाब नशे के पैर पसारने के पीछे सरकार द्वारा जारी किए निर्देशों को ताक पर रखना और नियमों का पालन नहीं करना है। 

नशे से संबंधित विभागीय कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं कि नशे पर रोक लगाने में प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। पंजाब की सियासत में नशे का मुद्दा तो है ही, अब डोप टेस्ट पर भी सियासत होने लगी है। 4 जुलाई को जैसे ही सीएम ने सरकारी मुलाजिमों के लिए डोप टेस्ट करवाने के आदेश दिए तो पूरे सूबे में सियासत गर्मा गई। मुलाजिम निराश हो गए। आप ने मोहाली में टेस्ट करवाने का ड्रामा किया। शिअद भी कटाक्ष करने से पीछे नहीं रहा। कितने पुलिसकर्मी डोप टेस्ट में फेल हुए डी.जी.पी. कार्यालय के पास इसका कोई रिकार्ड नहीं, जिस पर सवाल खडे़ हो रहे हैं। 

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News Editor

Urmila