ठेका कर्मचारियों का पक्का करने का मामला, राज्यपाल और CM चन्नी हुए आमने-सामने

punjabkesari.in Monday, Jan 03, 2022 - 12:43 PM (IST)

चंडीगढ़ (अश्विनी): ठेके पर रखे कर्मचारियों को पक्का करने के मामले में अब पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आमने-सामने आ गए हैं। एक दिन पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से लगाए गए आरोपों को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने ‘तत्थात्मक तौर पर गलत’ करार दिया है। पंजाब में ठेके पर भर्ती कर्मचारियों की सेवाओं को पक्का करने संबंधित फाइल की स्थिति साफ करते राज्यपाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से सांझी की गई जानकारी गलत है। राज्यपाल ने बताया कि ठेका कर्मचारियों की सेवाओं को रेगुलर करने संबंधित फाइल 6 सवालों के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री दफ्तर को भिजवा दी गई थी, जिनका जवाब राज्य सरकार की तरफ से अभी तक नहीं दिया गया है। यह फाइल 31 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री दफ्तर ने रस्मिया तौर पर प्राप्त की थी और उठाए गए सवालों का जवाब मिलना बाकी है। पुरोहित ने कहा, ‘‘वह मुख्यमंत्री को फाइल पर चुके गए सवालों का जवाब देने की सलाह देते हैं।’’

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एक बार जवाब आने के बाद राज्यपाल के सचिवालय में बिल की फिर से जांच की जाएगी। ठेका कर्मचारियों की सेवाओं को रेगुलर करने संबंधित बिल 11 नवंबर, 2021 को विधानसभा में पास किया गया था। लगभग 20 दिनों के अंतराल के बाद यह फाइल 1 दिसंबर, 2021 को पंजाब राज भवन को भेजी गई। दिसंबर दौरान राज्यपाल राज्यों के अलग-अलग जिलों के दौरे पर थे। राज्यपाल ने 21 दिसंबर को अपने दौरो का अंत किया और उसके बाद 23 दिसंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब राज भवन में आकर उनके साथ मुलाकात की। फाइल का रस्मिया अध्ययन किया गया और 31 दिसंबर, 2021 को जांच-पड़ताल/सवालों के साथ मुख्यमंत्री दफ्तर को भिजवा दी गई।

शनिवार को चंडीगढ़ में बातचीत करते मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि सरकार ने ठेके पर रखे कर्मचारियों को कानून बना कर पक्के करने का फैसला किया है परन्तु राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने राजनीतिक कारणों करके फाइल को रोका हुआ है और फाइल को मंजूरी नहीं दी जा रही है। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी दो बार राज्यपाल के पास गए हैं। वह खुद मंत्रियों को साथ लेकर राज्यपाल के पास गया था परन्तु अभी तक राज्यपाल ने फाइल को मंजूरी नहीं दी है।

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चन्नी ने बीते दिन कहा था कि वह सोमवार यानी 3 जनवरी को पूरी कैबिनेट एक बार फिर राज्यपाल को मिलने जा रही है। यदि राज्यपाल राजनीति खेलते फैसला नहीं करेंगे तो अगर उन्हें धरना देना पड़ेगा तो वह भी देंगे। चन्नी ने कहा था कि सरकार ने कर्मचारियों को पक्का करना है क्योंकि कानून बना हुआ है। उनका फर्ज बनता है कि निर्धारित समय सीमा में जो कानून बना हुआ है, उसकी फाइल को मंजूरी दें। यह सब जानबूझ कर राजनीति के अंतर्गत किया जा रहा है क्योंकि इसके बाद भारतीय जनता पार्टी का दबाव है। राज्यपाल को ऐसा नहीं करना चाहिए। 

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News Editor

Urmila