यह भी खूबः आलू व तेल का भाव बढ़ा तो साइज में छोटा हो गया समोसा

punjabkesari.in Sunday, Nov 29, 2020 - 06:11 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र): तकरीबन हर जुबां पर रचने-बसने वाले समोसे का स्वाद इन दिनों महंगाई की चपेट में है। इसका दाम इन दिनों चर्चा में भी है। अब तक मध्यम श्रेणी की दुकानों पर 6-7 रुपए प्रति समोसे बिकने वाले इस लोकप्रिय आइटम ने दहाई का रेट यानी कि 10 रुपए के भाव को छू लिया है। आम लोगों के साथ-साथ खास के बीच उम्दा नाश्ते के रूप में मौजूद इस समोसे के बिगड़े समीकरण की प्रमुख वजह आसमान चढ़े आलू व तेल के दाम को बताया जा रहा है। उधर, समोसे के भाव बढऩे के बाद संकटग्रस्त समोसे का बाजार हथियाने के लिए गोभी की पकौड़ी ने इन दिनों पींगे मारनी शुरू कर दी है।

आलू के आसमान चढ़े भाव ने बिगाड़ा नाश्ते का समीकरण
अपने शहर में भी मीठी चटनी और छोले के साथ समोसा खाना लोगों को काफी पसंद है। शहर के प्राय: सभी हलवाईयों के दुकानों व रेहड़ियों पर सुबह से लेकर देर शाम तक करीब समोसे की बिक्री होती है, लेकिन आलू और तेल की बढ़ती कीमतें समोसे का जायका खराब कर रही हैं। आमतौर पर 15 से 25 रुपए किलो बिकने वाला आलू 55 से 60 और 70 से 75 रुपए लीटर वाला तेल 110 से 140 रुपए पहुंचा तो दुकानदारों से कीमत बढ़ानी शुरू कर दी। जिन्होंने समोसे के दाम नहीं बढ़ाया उसने साइज छोटा कर दिया। 

आम लोगों व खास की इस पसंद को टक्कर दे रही गोभी की पकौड़ी
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सस्ते और स्वादिष्ट समोसे के लिए शहर के सभी दुकानों व रेहड़ियों पर काम करने वाले दुकानदारों के अनुसार आलू व तेल के भाव बढ़ने की वजह से मजबूरी में समोसे के साईज के साथ समझौता करना पड़ रहा है। यदि पुरानी साईज रखूं तो मजबूरी में समोसे का रेट बढ़ाना पड़ रहा है। आलू और तेल का दाम कम होते ही समोसे की कीमत घटा दूंगा। दुकानदारों के अनुसार10 रुपए से कम पर बेचने पर मुनाफा नहीं होगा। एक बार में सीधे 5 रुपए दाम नहीं बढ़ा सकते इसलिए बीच का रास्ता निकाला गया है। मामूली कीमत बढ़ाने के साथ-साथ साइज में कटौती की गई है। दूसरी तरफ समोसा महंगा होने के कारण अब लोग गोभी की पकौड़ी पसंद कर रहे हैं। आलू के मुकाबले गोभी का दाम इस समय काफी कम है।


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Mohit

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