10 मार्च को खत्म नहीं बल्कि पंजाब में शुरू होगा चयन का दौर, जानें क्यों

punjabkesari.in Sunday, Mar 06, 2022 - 10:31 AM (IST)

जालंधरः पंजाब में 10 मार्च को विधान सभा मतदान के नतीजे आने वाले हैं। चयन नतीजों से पहले सबके दिलों की धड़कनें तेज हो रही हैं। जहां एक तरफ उम्मीदवार चयन नतीजों को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं, वहीं उम्मीदवारों के हिमायती सोशल मीडिया पर अपने-अपने नेता की जीत को लेकर दावों के ढेर लगा रहे हैं। पंजाब में चल रहा यह चयन माहौल 10 मार्च के बाद रुक जाएगा, ऐसा नहीं है। प्रांतीय विधान सभा की मतदान के साथ शुरू हुआ यह दौर 2024 की लोक सभा मतदान तक चलेगा।

अप्रैल में राज्य सभा के सदस्यों की होगा चुनाव
पंजाब में विधान सभा मतदान के नतीजे आने के बाद सरकार का गठन शुरू हो जाएगा। इस गठन को मुकम्मल होने पर 3 से 4 सप्ताह लग सकते हैं। उसके बाद देश में राज्य सभा के सदस्यों की चयन के लिए सरगर्मियां शुरू हो जाएंगी। पंजाब में 5 राज्य सभा के सदस्यों का कार्यकाल 9 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। इस समय हद से पहले मतदान की प्रक्रिया मुकम्मल की जानी जरूरी है। संभावना यह है कि पंजाब में अभी विधान सभा का पहले समागम नहीं होगा। यह राज्य सभा की मतदान के बाद होगा। पंजाब में दो और राज्य सभा के सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा होना है।

उप-मतदान का परछावां
10 मार्च के नतीजों के बाद उप-मतदान का होना लगभग यकीनी है। पंजाब के मुख्यमंत्री के पद के उम्मीदवारों के तीन प्रमुख चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी, सुखबीर सिंह बादल, भगवंत मान अगर जीत जाते हैं तो तीन हलकों में फिर से उप-मतदान हो सकता है। भगवंत मान संगरूर से लोक सभा के मैंबर हैं। सुखबीर बादल फिरोजपुर से लोक सभा के मैंबर हैं। चरणजीत सिंह चन्नी श्री चमकौर साहिब के साथ ही हलका भदौड़ से भी चयन लड़ रहे हैं। चन्नी को एक सीट तो छोड़नी पड़ेगी। इस कारण उस सीट पर उप-चयन होनी यकीनी है।

राष्ट्रपति चुनाव
राज्य सभा के सदस्यों की चयन का मामला अभी बीच ही होगा कि देश में राष्ट्रपति के पद के लिए गहमा-गहमी शुरू हो जाएगी। राष्ट्रपति के पद के लिए चयन जुलाई में होना है।

स्थानीय सरकार अदारों के चुनाव
विधान सभा मतदान, राज्य सभा और उसके बाद राष्ट्रपति के पद के लिए चयन के बाद पंजाब में 2-3 महीनों की शान्ति के बाद फिर से चयन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राज्यों में दिसंबर में स्थानीय सरकार अदारों के मतदान होंगे।

यदि हंग असेंबली बनी तो
राज्य के राजनीतिक समीकरण कुछ इस तरह के हैं कि पंजाब में हंग भाव लंगडी विधान सभा बनने की संभावना भी अभिव्यक्ति जा रही है। अगर इस तरह होता है तो पंजाब की अफसरशाही को मौज लग जाएंगी। सरकार में शामिल एक से ज्यादा राजनीतिक पार्टियां अफसरशाही के लिए फायदे का सौदा होगा। अगर पंजाब में राष्ट्रपति राज लागू होता है तो अफसरशाही को बोरी-बिस्तर उठाकर दिल्ली जाना पड़ेगा क्योंकि सब फैसले दिल्ली से ही होंगे। 

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News Editor

Urmila