19 दिसंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तोड़ी जाएगी चुप्पी, पूछे जाएंगे सवाल

punjabkesari.in Monday, Dec 06, 2021 - 12:42 PM (IST)

अमृतसर (अनजान): शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी का सत्कार छोड़ बादलों की प्रेम भक्ति में लीन हो गई है। इन शब्दों का दिखावा भाई रणजीत सिंह प्रधान सिख यूथ फेडरेशन भिंडरांवाला ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते किया। भाई रणजीत सिंह गांव स्यालका के गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी, जत्था सिरलत्थ खालसा और अलग-अलग जत्थेबंदियों के साथ रखी मीटिंग में शिरकत कर रहे थे।

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उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा साहिब में पंथ की चढ़ती कला, किसानी मोर्चे की सफलता, बंदी सिंहों की रिहाई, गुरुधामों को बादलों से आजाद करवाने और हरेक खालसा की तरफ से स्थापित किए गए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार भाई जगतार सिंह हवारा नसजरबंद तेहाड़ जेल की सेहतयाबी के लिए 25 सिंहों की तरफ से श्री अखंडपाठ साहिब जी के भोग डाले गए थे। इस मीटिंग में अलग-अलग जत्थेबंदियों की तरफ से यह फैसला लिया गया कि शिरोमणि कमेटी की तरफ से 328 पवित्र स्वरूपों का हिसाब लेने पर आरोपियों पर पर्चे दर्ज करवाने के लिए 19 दिसंबर 2021 को बुर्ज अकाली फूला सिंह से श्री अकाल तख्त साहिब तक मार्च और घंटा घर गेट आगे दो घंटे बैठकर रोष-प्रदर्शन किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी गुरु साहिब का आसरा छोड़ बादलों की तरफ से बख्शी सांसों पर अपने दिन बसर कर रही है। उन्होंने कहा कि रोष मार्च प्रदर्शन वाले दिन 328 पवित्र स्वरूपों के हिसाब मांगने साथ-साथ शिरोमणि कमेटी के पास से जून 1984 दौरान भारतीय सेना की तरफ से पुस्तकालय में से उठाया कीमती खजाना, पुरातन हाथ लिखित हुक्मनामे, कनाडा में 450 पवित्र स्वरूपों की हुई बेअदबी, पद-छेद स्वरूपों कारण गुरबाणी की हो रही बेअदबी, गांवों में बढ़ रहे पाखंडियों के डेरे, सिखों को ईसाई बनाने की साजिश और जत्थेदार जगतार सिंह हवारा और ओर बंदी सिंहों की रिहाई बारे कोई कार्यवाही न कर चुप्पी धारण बारे पूछा जाएगा। 

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News Editor

Urmila

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