आज के रिश्तों की कहानी है ‘इक्को मिक्के’: सतिन्द्र सरताज

punjabkesari.in Friday, Mar 13, 2020 - 09:52 AM (IST)

जालंधरः पंजाबी में शानदार गायकी और शायरी के साथ महक बिखेर रहे गायक और शायर डा. सतिन्द्र सरताज दुनिया भर में प्रसिद्धि कमाने के बाद अब बतौर अदाकार पंजाबी सिनेमा के साथ जुड़ने जा रहे हैं। हॉलीवुड की चर्चित फिल्म ‘की ब्लैक प्रिंस’ के जरिए बड़े पर्दे पर अपनी अदाकारी की छाप छोड़ चुके सतिन्द्र सरताज अब अपनी पहली पंजाबी फिल्म लेकर आ रहे हैं। इस शुक्रवार यानी 13 मार्च को भारत में रिलीज हो रही इस फिल्म के यू.के. और कनाडा में शानदार प्रीमियर हो चुके हैं। इसे देखने वाले दर्शकों ने हर पंजाबी दर्शक को यह फिल्म देखने की गुजारिश की है। दर्शकों ने इस फिल्म में सतिन्द्र सरताज की गायकी और अदाकारी की प्रशंसा की है। सतिन्द्र सरताज के निजी बैनर ‘फिरदौस’ नीचे बनी इस फिल्म को लेकर सरताज ने हमारे के साथ कुछ खास बातें कीं-

प्र. यू.के. और कनाडा में फिल्म के शानदार प्रीमियर हुए हैं, दर्शकों के जोश ने कितना उत्साह बढ़ाया है? 

उ. जी, बिल्कुल। चंद घंटों बाद यह फिल्म मेरी नहीं दर्शकों की बन जाएगी। मेरी समूची टीम की मेहनत का परिणाम दर्शकों के हाथों में है। अब तक जितने भी दर्शकों ने यह फिल्म देखी है, सबने पसंद की है। फिल्म देखने के बाद दर्शक सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया सांझी कर रहे हैं। हमें निजी तौर पर मैसेज और ई -मेल भेज रहे हैं। उम्मीद मुताबिक यहां भारत में भी दर्शक इस फिल्म को पसंद किए बिना नहीं रह सकेंगे।

प्र. विदेशों में आपको लेकर कोई खास प्रतिक्रिया कौन-सी आई?

उ. पहली बात तो यह है कि दर्शकों ने यह फिल्म पसंद की है। दूसरी बात यह कि जिसने भी यह फिल्म देखी, उसने एक ही बात ही कही कि फिल्म में सतिन्द्र सरताज तो दिखाई पड़ता ही नहीं, सिर्फ निहाल ही दिखाई पड़ता है। मतलब दर्शकों ने फिल्म में सतिन्द्र सरताज की जगह एक कलाकार को निहाल सिंह के किरदार में महसूस किया है।

प्र. आप शांत स्वभाव के हैं मगर फिल्म के ट्रेलर में जबरदस्त लड़ाई कर रहे हैं?

उ. नहीं, मुझे गुस्सा बहुत कम आता है। इस फिल्म दौरान मेरे डायरैक्टर और मेरी सह-अभिनेत्री अदिति शर्मा को भी यही लगता था कि सरताज तो शांत स्वभाव का है। यह सीन मुताबिक इतना गुस्सा और नाराजगी भरा व्यवहार कैसे अपना सकेगा। आपने ट्रेलर देखा कि मैं यह गुस्सा कैसे लाया। इस फिल्म में मैं नहीं मेरा किरदार है। 

प्र. इस फिल्म का चयन आपने कैसे किया?

उ.‘की ब्लैक प्रिंस’ के बाद मैं कोई अलग किस्म की फिल्म करना चाहता था। इस दौरान मैंने 3 सालों में करीब 96 कहानियां सुनीं। कोई कहता था कि आप पीरियड फिल्म में जंचेंगे, कोई कहता था कि आप अपनी इमेज मुताबिक सीरियस फिल्म या ‘की ब्लैक प्रिंस’ जैसी फिल्म ही करें, परन्तु मैं आज के माहौल की फिल्म करना चाहता था। इस फिल्म के लेखक और निर्देशक पंकज वर्मा इससे पहले मेरे कुछ म्यूजिक वीडियो डायरैक्ट कर चुके हैं। उन्होंने जब फिल्म की कहानी सुनाई तो मेरे दिल को छू गई। पंकज वर्मा की भी बतौर निर्देशक और लेखक यह पहली फिल्म है।

प्र. इस फिल्म की खास बात क्या है?

उ. यह फिल्म जिंदगी के नजदीक है। यह फिल्म आज के रिश्तों, आज के दौर की कहानी है। आजकल के रिश्ते नाजुक हो गए हैं। रिश्तों में दरारें पड़ रही हैं। विवाह जैसा रिश्ता जो हम सबसे अधिक सोच-समझ कर करते हैं, वह सबसे ज्यादा टूट रहा है। इनके पीछे बड़ी समस्या आशाओं की है। जब हम एक-दूसरे से जरूरत से अधिक आशाएं रखते हैं और आशाएं पूरी नहीं होतीं तो स्वाभाविक तौर पर रिश्तों में ऐसी कड़वाहट आती है जो जिंदगी को नरक बना देती है। यह फिल्म रिश्तों की कहानी है। फिल्म में प्यार और विवाह के बाद की कहानी दिखाई गई है। रिश्ते क्यों नहीं निभते, हम कहां गलती कर जाते हैं कि रिश्ते टूट जाते हैं या रिश्ते आखिर कैसे निभते हैं, इन सभी सवालों के जवाब इस फिल्म में हैं।

प्र.अदिति शर्मा और अन्य कलाकारों के साथ काम करना कैसा लगा?

उ.इस फिल्म का अनुभव मेरे लिए यादगारी रहा। फिल्म की सारी टीम ने ही एक परिवार की तरह काम किया। हमने फिल्म की शूटिंग कालेज परिसर से शुरू की थी। कालेज की शूटिंग दौरान मैं और अदिति ने सहज तरीके से काम किया। थोड़े दिनों में ही हम एक-दूसरे के साथ घुल-मिल गए। इस फिल्म की शूटिंग चंडीगढ़ में की गई है। फिल्म का काफी हिस्सा मेरे निजी घर में ही फिल्माया गया है।

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