चोरों के बुलंद हौसलों, चलते वाहन से उड़ा रहे सामान, ट्रांसपोर्टरों में हड़कंप

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2025 - 04:42 PM (IST)

अमृतसर : चोरों के बुलंद हौसलों के किस्से तो बहुत सुने थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह इतने बेबाक हो चुके हैं कि अब ट्रांसपोर्टरों के बंद ट्रक भी इनसे सुरक्षित नहीं हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब महानगर के प्रमुख ट्रांसपोर्टरों का गुस्सा फूटा और उन्होंने इसका खुलासा किया। इस संबंध में मिली सूचनाओं के मुताबिक अधिकतर ट्रांसपोर्टर लोड किए गए ट्रक अपने संस्थानों के बाहर पार्क कर देते हैं। ज्यादातर ट्रक रात के समय सामान का लदान करने के उपरांत उन्हें तिरपालों से बांध देते हैं। देर रात्रि एक दो बजे से लेकर सुबह 4-5 बजे के करीब यह ट्रक अपने गंतव्य की तरफ रवाना कर दिए जाते हैं।

वहीं चोर इस दौरान अपना काम कर जाते हैं। यह छत के ऊपर चढ़कर तिरपालों को तेजधार चाकुओं से फाड़ देते हैं और उसके अंदर सामान के भरे कीमती नग उतार लेते हैं। यह घटना किसी एक ट्रांसपोर्ट की नहीं है बल्कि इसमें बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टर प्रभावित हो रहे हैं। एक दर्जन के करीब ट्रांसपोर्टर अब मीडिया के सामने आ चुके हैं।

इस संबंध न्यू ज्वालाजी ट्रांसपोर्ट के मालिक महेश कुमार भारद्वाज ने बताया कि इन चोरों की दीदा-दिलेरी इतनी बढ़ गई है कि यह चलते ट्रक के ऊपर चढ़ जाते हैं। इनके हाथ इतने साफ हैं कि ट्रक में बैठे चालक तक को पता नहीं चलता और ऊपर ही ऊपर से ट्रकों से माल उठाकर नीचे गिरा देते हैं और आगे खड़े उनके साथी फैंके हुए नगों को गायब कर देते हैं। इसमें व्यापारियों का भारी नुकसान हो रहा है और मुश्किलें ट्रांसपोर्टर को पड़ जाती हैं। शहर के बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टर इन चोरों से परेशान है।

खड़े ट्रकों के कंप्लीट व्हील कर लेते हैं चोरी

चोरों की अगली कार्रवाई में जब उन्हें कोई वाहन ग्रामीण क्षेत्रों में मिल जाए जिसका चालक आस-पास दिखाई न दे तो ट्रकों के कंप्लीट व्हील टायर और रिम सहित उतार लेते हैं। पिछले दिनों में एक ट्रक के चारों व्हील उतार लिए गए थे इसमें ट्रांसपोर्टर को लगभग 1 लाख रुपए की चपत लग गई थी। यह लोग इतने खतरनाक हो चुके हैं कि ट्रांसपोर्ट संस्थानों के बाहर खड़े ट्रकों से डीजल निकाल लेते हैं, क्योंकि फ्यूल टैंक लॉक होता है, इसलिए यह टैंक के नीचे का नट रेंच से खोलकर उसमें से ईंधन कैनों में भरकर ले जाते हैं। सुबह जब चालक ट्रक को सैल्फ मारता है तो वाहन स्टार्ट नहीं होता। एक औसत ट्रक के फ्यूल टैंक में 300 लीटर डीजल की क्षमता होती है, जिसकी कीमत लगभग 25-26 हजार बनती है।

15 मिनट में उतार लेते हैं ट्रक के चारों व्हील, 3 मिनट में खाली कर देते हैं डीजल टैंक

चोरों की फुर्ती इतनी है कि यह लोग यदि गिनती में 2 भी हों तो ट्रक के 4 व्हील मात्र 15 से 20 मिनट में ही निकाल लेते हैं। इसके उपरांत ट्रक की चेसिस के नीचे ईंटें लगाकर जैक भी निकाल लेते हैं। इसी प्रकार फ्यूल निकलते समय इन्हें मात्र 3 से 4 मिनट लगते हैं। कैन भरने के बाद नट-बोल्ट खुला छोड़ देते हैं जिससे बाकी का बचा हुआ तेल भी नालियों में गिर जाता है।

पीछा करते समय होते हैं बाइक सवार व ऑटो

ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि जब ट्रक रोड पर जा रहा होता है तो जैसे ही किसी स्थान पर वाहन चालक वाहन धीरे करता है तो चोर तुरंत कर छत पर चढ़ जाता है और ऊपर से सामान फैंकना शुरू करता है। इसी बीच चालक को चोर का पता चल भी जाए और वह यदि ट्रक को रोकता है तो इसी दौरान चोर छलांग मार कर चालक से पहले ही बाइक पर बैठकर भाग जाता है और फेंके हुए सामान को ऑटो चालक दूसरी तरफ ले जाता है। ऐसे में ट्रक चालक कंफ्यूज हो जाते हैं कि वह ऑटो का पीछा करें जिसमें माल लगा हुआ है या उन चोरों का पीछा करें जो बाइक पर भाग गए हैं क्योंकि दोनों के रूट अलग-अलग होते हैं।

ट्रांसपोर्टरों की मांग, बढ़ाई जाए सुरक्षा

इस संबंध में शहर के प्रमुख ट्रांसपोर्टर जिनमें ज्वालाजी ट्रांसपोर्ट से सुदर्शन भारद्वाज, न्यू ज्वालाजी ट्रांसपोर्ट से महेश भारद्वाज, बब्बू हिमाचल ट्रांसपोर्ट से मनिंदर सिंह ठाकुर, पंजाब हिमाचल ट्रांसपोर्ट से गुरनाम सिंह, न्यू गुरदासपुर ट्रांसपोर्ट सहित दर्जनों ट्रांस्पोर्टरों ने प्रशासन से मांग की है कि शहर के विभिन्न इलाकों में जो ट्रांस्पोर्ट से संबंधित हैं, में सुरक्षा बढ़ाई जाए। इन चोरों को काबू करके इसकी तह तक पहुंच जाए कि चोरी का माल खरीदता कौन है?

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News Editor

Kalash

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