अंधविश्वास: 6 वर्ष से जंजीरों से बंधा है यह शख्स, वजह कर देगी हैरान

punjabkesari.in Wednesday, Oct 03, 2018 - 10:42 AM (IST)

बठिंडा(बलविंद्र): ‘‘26 वर्षीय मॉडल लुक नौजवान एक पशु की तरह जंजीर से बांधा होने के बावजूद हंस रहा था जिसको देखकर अंदर से आवाज निकली कि हे भगवान यह क्या कहर किया। वह हंस तो रहा था लेकिन जिंदगी के रंगों से अनजान था।’’ 

यह कहानी है कि गांव जोधपुर रोमाना के नौजवान हरप्रीत सिंह सोनू की जिसको करीब 6 वर्ष से जंजीर से बांधा हुआ है। चरनजीत कौर निवासी जोधपुर रोमाना अनुसार उसके 2 पुत्र गुरप्रीत सिंह (30) और हरप्रीत सिंह सोनू (26) हैं। जब गुरप्रीत सिंह पढ़ चुका था और हरप्रीत सिंह 10वीं में पढ़ रहा था। गांव में किसी के घर कोई धार्मिक प्रोग्राम हुआ। उक्त दोनों भाई उस प्रोग्राम में गए जिसके बाद दोनों की मानसिक हालत बिगडऩे लगी। वह दोनों का इलाज करवाती रही। अच्छी जमीन के मालिक परिवार व रिश्तेदारों ने दोनों भाइयों के इलाज के लिए पंजाब तो क्या हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली का कोई भी अच्छा डाक्टर नहीं छोड़ा। 

चरनजीत कौर ने बताया कि दोनों के किसी काली शक्ति के प्रभाव में होने का शक था। इसलिए वह अनेक धार्मिक स्थलों व तांत्रिकों के पास भी गए परन्तु कोई फर्क नहीं पड़ा। उल्टा हालत और बिगड़ती गई। एक मौका तो ऐसा भी आया कि दोनों भाइयों को जंजीरों से बांधना पड़ा। उन्होंने कहा कि दोनों बेटों को जंजीरों में बंधा देखकर वह बुरी तरह टूट गए थे लेकिन इलाज जारी रखा। फिर धीरे-धीरे बड़ा लड़का गुरप्रीत सिंह ठीक होने लगा जिस कारण वह जंजीर से आजाद हो गया। दूसरी तरफ हरप्रीत सिंह की हालत में कोई सुधार नहीं है। उसको एक तरफ बांधकर वह खाना देते हैं। वह अक्सर शांत रहता है, उसे सब कुछ याद भी रहता है। घर आने-जाने वाले रिश्तेदारों व गांव के लोगों के साथ आमतौर पर बढिय़ा बातचीत करता है परन्तु जब वह मानसिक संतुलन खो बैठता है तो उसके गुस्से का कोई ठिकाना नहीं रहता। फिर वह गालियां निकालता है, कुछ भी पास हो उसे तोड़ देता है।

गुरप्रीत सिंह का इलाज लंबा चल रहा है : डा. वंदना
हरप्रीत सिंह का इलाज कर रहे डा. वंदना सिंगला का कहना है कि यह मरीज एक इस तरह की बीमारी से पीड़ित है कि वह अधिक समय शांत ही रहता है। आम मनुष्य की तरह ही व्यवहार करता है लेकिन जब वह भड़क जाए तो उसे कोई होश नहीं रहता। ऐसी हालत में वह किसी को नुक्सान भी पहुंचा सकता है। 

कोई डाक्टर हो, जो मेरे भाई को आजाद करवाए : गुरप्रीत सिंह
हरप्रीत सिंह के बड़े भाई गुरप्रीत सिंह का कहना है कि उक्त को मजबूरी में बांधना पड़ता है, क्योंकि जब वह आपे से बाहर हो जाता है तो वह हमला कर देता है व तोडफ़ोड़ भी करता है। जब वह शांत होता है तो वह जंजीर खोलकर उसे अपने साथ गांव में ले जाता है परन्तु उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि पता ही नहीं चलता कि वह कब भड़क जाए। उन्होंने कहा कि वह अच्छे से अच्छे डाक्टर से इलाज करवा रहे हैं लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा। 


 

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