जमीन अधिग्रहण के विवाद की वजह से Ludhiana में अटका इस रोड का Project

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2024 - 05:28 PM (IST)

लुधियाना (हितेश) : नेशनल हाइवे अथॉरिटी द्वारा ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान व एक से दूसरे शहर की दूरी कम करने के उद्देश्य से जो भारत माला योजना शुरू की गई है, उसमें शामिल लुधियाना रिंग रोड प्रोजेक्ट को ग्रहण लग गया है। जिसकी वजह जमीन अधिग्रहण को लेकर चल रहे विवाद को माना जा रहा है, क्योंकि लुधियाना से रोपड व बठिंडा तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए एन.एच.ए.आई. द्वारा जुन-जुलाई 2022 के दौरान वर्क आर्डर जारी किया गया था। लेकिन अब तक दोनों प्रोजेक्टों के ज्यादातर हिस्से में जमीन का कब्जा न मिलने कारण निर्माण ही शुरू नही हो पाया है और किसानों द्वारा ज्यादा मुआवजे की मांग करते हुए जमीन का कब्जा नहीं लेने दिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें :  Breaking: सूफी गायक Hansraj Hans के रोड शो दौरान हंगामा, हुआ जमकर बवाल

हालांकि एन.एच.ए.आई. द्वारा यह मुद्दा लगातार राज्य सरकार व जिला प्रशासन के सामने उठाया जा रहा है, लेकिन पहले से चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सरकार द्वारा सख्ती बरतने से परहेज ही किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि एन.एच.ए.आई. द्वारा उपरोक्त दोनों प्रोजेक्टों के लिए कंपनियों के साथ किए गए एग्रीमेंट ड्राप कर दिए हैं, जिससे लुधियाना रिंग रोड प्रोजेक्ट को भी ग्रहण लग गया है। लुधियाना से रोपड़ बाईपास का निर्माण हंबडां से लाडोवाल होते हुए साइकिल वैली व दोराहा व माछीवाड़ा के रास्ते रोपड़ तक होना है। जबकि बठिंडा तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण दोराहा नेशनल हाईवे से शुरू होकर रायकोट, बल्लोवाल के रास्ते पर किया जाएगा। जिन दोनों प्रोजेक्टों का लिंक आगे चलकर दिल्ली- कटरा, अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेस वे के साथ होना है।

यह भी पढ़ें :  . Holiday: पंजाब में छुट्टी का ऐलान, School-कॉलेज और दफ्तर रहेंगे बंद

मिली जानकारी के मुताबिक लुधियाना से रोपड़ व बठिंडा तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए एन.एच.ए.आई. द्वारा जुन-जुलाई 2022 के दौरान वर्क आर्डर जारी किया गया था। जिन प्रोजेक्टों को इस साल दिसंबर तक पूरा करने का टारगेट रखा गया था। लेकिन एग्रीमेंट की शर्तों के मुताबिक कंपनियों को साइट पर काम शुरू करने के लिए 90 दिनों के भीतर जमीन का कब्जा ही नहीं मिला। जिसके मद्देनजर उन कंपनियों ने टेंडर सरेंडर करने की पेशकश की है, क्योंकि यह काम पेंडिंग होने की वजह से बिड केपेस्टी पर असर पड़ने से उन्हें नए टेंडर हासिल करने में दिक्कत आ रही थी।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here  

News Editor

Kamini