जो बटाला को लूटना चाहते हैं, वही हैं तालिबानी : तृप्त बाजवा

punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2020 - 09:25 AM (IST)

बटाला(बेरी, मठारू): कुछ नेताओं द्वारा बार-बार तालिबानी सोच का शोर मचाया जाता है, लेकिन मैं इस बारे में स्पष्ट कहना चाहता हूं कि तालिबान वही लोग हैं जो बटाला को लूटना चाहते हैं, लेकिन हमने ऐसा नहीं होने दिया और अब वे शहर के विकास में बाधा बन रहे हैं। ये विचार कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा ने स्थानीय जालंधर रोड स्थित सेठ कस्तूरी लाल चेयरमैन के कार्यालय में प्रैस कॉन्फ्रैंस दौरान व्यक्त किए। 

बाजवा ने कहा कि सभी बटाला निवासी शहर में तेजी से हो रहे विकास से अवगत हैं और कैप्टन सरकार ने पिछले एक वर्ष में इतना विकास करवाया है जितना शायद दशकों में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी ड्यूटी शहर में हो रहे विकास कार्यों की निगरानी हेतु लगाई है और वह अपनी इस जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभा रहे हैं। बाजवा ने पूर्व विधायक अश्विनी सेखड़ी व बेरिंग यूनियन क्रिश्चियन कालेज की प्रबंधकीय कमेटी के आरोप को नकारते हुए कहा कि प्रशासन ट्रैफिक समस्या के समाधान हेतु जी.टी. रोड की निशानदेही कर रहा है न कि बेरिंग कालेज की।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने सड़कों पर अवैध अतिक्रमण किए हैं, जिसके चलते सड़कों की चौड़ाई कम हो गई है। ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रख कर सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है जिसकी निशानदेही हो रही है। उन्होंने कहा कि जालंधर रोड को काहनूवान रोड से जोड़ती सड़क रैवेन्यू रिकार्ड में है और यह सड़क बेरिंग कालेज की ग्राऊंड से होती हुई हंसली नाले तक पहुंचती है और हंसली नाले के ऊपर एक और नया पुल बना कर यह सड़क काहनूवान रोड से जोड़ी जाएगी जिससे जालंधर रोड की ट्रैफिक समस्या हल हो जाएगी। इसके लिए बेरिंग कालेज की मैनेजमैंट को समय दिया गया है ताकि वह अपनी जमीन के कागजात दिखा सके। 

बाजवा ने अश्विनी सेखड़ी को सलाह दी कि वह सड़क के निर्माण व विकास कार्यों को जान-बूझ कर किसी विशेष धर्म से जोड़ कर इसे धर्मों की लड़ाई न बनाएं। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री के साथ चेयरमैन इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट बटाला सेठ कस्तूरी लाल, सुखदीप सिंह सुख तेजा, गौतम उर्फ गुड्डू सेठ, हैप्पी गुप्ता जिला महासचिव कांग्रेस कमेटी, पार्षद सुनील सरीन, यशपाल चौहान, गुलशन कुमार, राजा गुरबख्श सिंह, हरपाल सिंह जिला महासचिव कांग्रेस कमेटी, रमेश कुमार बूरा गांधी कैंप बटाला आदि मौजूद थे।

Edited By

Sunita sarangal