बिना टेस्ट वायरल की दवा खा रहे हजारों मरीज, 'कम्युनिटी स्प्रैड' का खतरा

punjabkesari.in Sunday, Aug 16, 2020 - 03:59 PM (IST)

लुधियाना (सहगल): एकांतवास या अस्पताल में दाख़िल होने के डर से कोविड -19 के लक्षणों वाले बड़ी संख्या में मरीज़ अब बिना टेस्ट करवाए घर में रह कर दवा खा रहे हैं और एक अंदाजे मुताबिक 10 हज़ार के करीब ऐसे मरीज़ हैं, जिन्होंने अपना टेस्ट नहीं करवाया परन्तु डाक्टर से वायरल की दवा लेकर खा रहे हैं। ऐसे में कम्युनिटी में कोरोना वायरस फैलने का पक्का ख़तरा बना हुआ है।

हालांकि सेहत विभाग को इस का अंदेशा है, जिस कारण सिविल सर्जन बार -बार लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह सामने आकर अपने टेस्ट करवाए। शहर के कुछ डाक्टरों ने भी यह माना है कि उनके पास वायरल के मरीज़ आते हैं या संपर्क कर उनको दवा देने के लिए कहते हैं। जब नैट टैस्ट करवाने के लिए कहा जाता है तो साफ़ मना कर देते क्योंकि उनके अंदर यह डर बैठा हुआ है कि टेस्ट पॉजिटिव हो जाने पर उनको पता नहीं किसी अस्पताल में जगह मिलेगी या नहीं, धक्के खा कर उन की हालत ओर ख़राब हो जाएगी।

इस के बाद यदि किसी अस्पताल में जगह मिल गई तो उन को 14 दिन के लिए अस्पताल में रहना पड़ेगा। यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य है कि कई डाक्टर भी नहीं चाहते कि कोरोना  के लक्षणों वाले मरीज़ उनके पास आए। इसलिए वह फ़ोन पर ही दवा बता कर उनको घर में आराम करन के लिए कहते हैं। जब से सभी स्पेशलिस्ट के डाक्टरों को कोरोना वायरस के मरीज़ देखने की विनती की गई है तो अब मैडिसन के अलावा दूसरे डाक्टरों के पास ऐसे फ़ोन लगातार आ रहे हैं।

माहिरों के मुताबिक ऐसे मरीज़ों को चाहिए कि वह सामने आकर अपना टेस्ट करवाए। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के मरीज़ों के लिए होम आइसोलेशन या अस्पताल में रहना बेहद ज़रूरी होता है जिससे वह किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में न आने या सेहतमंद लोगों को ऐसे मरीज़ों से दूर रखा जाये परन्तु ऐसे मरीज़ों पर किसी तरह की पाबंदी न होने के कारण मरीज़ घर में टिक कर नहीं बैठते, जिस कारण बीमारी के फैलने का अंदेशा बढ़ जाता है। 

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Tania pathak