अलकायदा और ISIL-के गठजोड़ से बड़े आतंकी हमलों का खतरा

punjabkesari.in Friday, Jun 05, 2020 - 09:07 AM (IST)

नई दिल्ली/जालंधर(सोमनाथ): भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि  संयुक्त राष्ट्र(यू.एन.) की रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का एक बड़ा केंद्र है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और तश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की मौजूदगी ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को खतरा पैदा कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी आतंकवादी तालिबान लड़ाकों के साथ मिलकर अफगानिस्तान सरकार और अमरीकी सैनिकों के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं। यू.एन. की रिपोर्ट के मुताबिक 6,500 पाकिस्तानी आतंकियों सहित हजारों विदेशी आतंकियों की मौजूदगी ने संयुक्त राज्य अमरीका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद आतंकवाद विरोधी साझेदार के रूप में अपनी विश्वसनीयता साबित करने के लिए तालिबान समूह के लिए एक जटिल चुनौती पेश की। इसके साथ ही अलकायदा और आई.एस.आई.एल-के में गठजोड़ से भारत में बड़े आतंकी हमलों का खतरा बढ़ गया है।  

आई.एस.आई.एल.-के आतंकियों की संख्या 2,200 के करीब
मॉनिटरिंग टीम के अनुमान मुताबिक अफगानिस्तान में आई.एस.आई.एल-के (इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लवांत खोरासन) आतंकियों संख्या  2,200 के करीब है। ये आतंकी काबुल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते हमलों के लिए सक्षम है, लेकिन दावा किया गया है कि इनमें से कुछ पूर्ण रूप से हक्कानी नैटवर्क के साथ संबंधित हो सकते हैं। अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के संदर्भ में आई.एस.आई.एल-के के पुनरुत्थान में मुख्य खतरा उसके एकमात्र विरोधी आतंकी समूह के रूप में पेश करने से हो सकता है। क्योंकि ऐसी स्थिति में उसमें नई भर्तियां हो सकती हैं और उसे फंडिंग भी मिल सकती है। अफगानिस्तान में अपने मकसद और आजीविका की तलाश में पहुंचे कई विदेशी आतंकी इसे जटिल चुनौती बना देंगे। रिपोर्ट में कहा गया कि यह भी बताया गया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा इन पाकिस्तानी गुटों में शामिल हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से खतरा बन गए हैं। तीनों समूहों की पूर्वी अफगान प्रांतों कुनार, नंगरहार और नूरिस्तान में मौजूदगी है। रिपोर्ट के अनुसार लश्कर और जैश के आतंकवादी नानगरहार प्रांत में ज्यादा सक्रिय हैं। कुनार प्रांत में लश्कर के 220 आतंकवादी हैं और जैश के 30 आतंकवादी हैं। ये लोग तालिबान के साथ मिलकर हमले करते हैं, जो अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। 


पाकिस्तान अपनी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाने में नाकाम : भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘यह भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थिति को दर्शाता है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है।’’ श्रीवास्तव ने कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पाकिस्तान को सुरक्षित ठिकाना मानते हैं। इन आतंकवादियों ने हिंसा भड़काई और दुनिया के अन्य हिस्सों में आतंकवाद को फैलाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को निभाने में विफल रहा है, जिसमें प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल के तहत आतंकवाद को समर्थन देना शामिल है।

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