SGPC से निष्कासित कर्मचारियों ने दी धर्म परिवर्तन की चेतावनी

punjabkesari.in Friday, May 04, 2018 - 08:42 AM (IST)

अमृतसर : शिरोमणि कमेटी में से नौकरी से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों ने आज घोषणा की कि यदि 10 दिनों में उनकी नौकरी बहाल नहीं की गई तो वे मजबूरन परिवारों सहित धर्म परिवर्तन कर लेंगे और शाहकोट उप-चुनाव में शिरोमणि अकाली दल बादल का डट कर विरोध करेंगे। आज बुलारिया मैमोरियल पार्क में हुई मीटिंग के बाद कर्मचारियों ने सांझे तौर पर कहा कि शिरोमणि कमेटी प्रधान समेत अन्य अधिकारियों को अब तक वे कई बार नौकरी बहाल करने के लिए अपील कर चुके हैं लेकिन किसी ने भी उनके प्रति गंभीरता नहीं दिखाई और न ही श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने ही उनका मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी सिख कौम की सर्वोच्च संस्था है परंतु दुख की बात है कि इसके किसी भी नेता को उन पर तरस नहीं आया, जबकि बहुत से कर्मचारी तो इस नौकरी से मिलने वाले वेतन के साथ ही अपने परिवारों का पालन-पोषण करते थे। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन करना कोई आसान बात नहीं है और न ही हमें वेतन की ही परवाह है परंतु ऐसे सिख नेताओं के साथ जुड़े रहने का भी क्या फायदा जिनको अपनी कौम के गरीब बच्चे-बच्चियों का दुख-दर्द ही नजर ही नहीं आता है। 


कमेटी का फैसला काले अक्षरों में लिखा जाएगा : हरपाल सिंह
शिरोमणि कमेटी में से नौकरी से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की पैरवी करने वाले न्यू फ्लावर्ज एजुकेशन सोसायटी के प्रधान हरपाल सिंह यू.के. ने पत्रकारों को बताया कि शिरोमणि कमेटी की ओर से 523 कर्मचािरयों को नौकरी से निकालने का फैसला सिख इतिहास में काले अक्षरों के साथ लिखा जाएगा। शिरोमणि कमेटी प्रधान एक ओर धर्म प्रचार लहर आरंभ कर बड़ी संख्या में परिवारों को सिखी की धारा के साथ जोडऩा चाहते हैं, वहीं इन जुड़े हुए गरीब और जरूरतमंद कर्मचारियों को तोड़ रहे हैं। हरपाल सिंह यू.के. ने कहा कि शिरोमणि कमेटी को अभी भी अपनी भूल को सुधारते हुए इन कर्मचारियों को नौकरी पर बहाल कर देना चाहिए। यदि इन्होंने दुखी होकर परिवारों सहित धर्म परिवर्तन कर लिया तो एस.जी.पी.सी. के प्रधान को सिख पंथ कभी माफ नहीं करेगा।


 

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