शहर में ट्रैफिक जाम ने लोगों का जीना किया मुहाल, की जा रही ये मांग
punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 06:17 PM (IST)

बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि): बरनाला शहर में ट्रैफिक की बेहद खराब हालत ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। रेलवे स्टेशन से लेकर जोड़े पंपों तक का इलाका हर शाम जाम की गिरफ्त में रहता है। अंडर ब्रिज समेत सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगती हैं और लोगों को महज कुछ मिनटों का सफ़र तय करने के लिए आधा घंटा तक लग जाता है। यह मुद्दा आज बरनाला क्लब के मॉर्निंग टेबल पर चर्चा का केंद्र बना।
सदस्यों ने कहा कि शाम के समय सब्ज़ी की रेहड़ियां रेलवे स्टेशन से जोड़े पंपों तक सड़कों के दोनों किनारों पर लग जाती हैं। इससे रास्ते तंग हो जाते हैं और लोग अपने दो पहिया और चार पहिया वाहन रेहड़ियों के ठीक सामने ही खड़े कर देते हैं। ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह उल्लंघन किया जाता है। किसी को न तो पुलिस का डर है और न ही जुर्माने की चिंता। जैसे शहर में कानून का कोई राज ही न हो। मॉर्निंग टेबल सदस्यों ने कहा कि बरनाला के लोग आज ट्रैफिक जाम के कारण बेहद परेशान हैं। अक्सर लोगों को स्कूल से बच्चे ले जाने या दफ़्तर पहुँचने में देरी हो जाती है। एम्बुलेंसों को भी जाम में फँसा देखा जाता है, जिससे मरीजों की जान को खतरा बन जाता है।
सदस्यों ने याद दिलाया कि जब संदीप गोयल बरनाला के ज़िला पुलिस प्रमुख थे, उस समय ट्रैफिक पर पूरा कंट्रोल था। शहर की सड़कें खुली रहती थीं और कहीं भी बेतरतीब ढंग से वाहन नहीं खड़े किए जाते थे। उन्होंने कहा कि अब पुलिस की नफ़री उतनी ही है, पर व्यवस्था ढीली हो गई है। अगर उस समय ये हालात सुधारे जा सकते थे, तो अब क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक विभाग को अपना काम व्यवस्थित तरीके से करना चाहिए। जहां सब्ज़ी की रेहड़ियां लगती हैं, वहाँ अलग इलाका निर्धारित किया जाए, ताकि मुख्य सड़कें खुली रहें। इसके अलावा, पुलिस को शाम के समय ख़ास तौर पर ट्रैफिक संभालने के लिए अतिरिक्त नफ़री तैनात करनी चाहिए।
सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया कि शहर में वाहन खड़े करने के लिए नए पार्किंग इलाक़े तय किए जाएँ। लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाए और उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बरनाला शहर छोटा होने के बावजूद ट्रैफिक की समस्या बड़े शहरों जैसी हो गई है। अगर अब प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
मॉर्निंग टेबल पर मौजूद सदस्यों में सुखदेव लुटावा, राजीव लोचन मिट्ठा, सतीश चीमा बिट्टू, जेई कुलतार तारी, पप्पू 'आप', ईशान गोयल, प्यारा लाल रायसरिया, कृष्ण कुमार बिट्टू, उमेश बंसल, राजीव जैन, विजय गोयल और पप्पू टल्लेवालीया आदि शामिल थे। उन सभी ने सहमत होकर प्रशासन और पुलिस प्रबंधन से मांग की कि जाम की समस्या पर तुरंत कदम उठाए जाएं। शहर की सड़कों को खुला रखना केवल ट्रैफिक पुलिस की नहीं, बल्कि हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। अगर हर कोई अपने हिस्से का योगदान दे, तो बरनाला को दोबारा सुचारू ट्रैफिक वाला शहर बनाया जा सकता है।
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