ऑनलाइन अध्यापन हेतु प्रशिक्षण संबंधी ई-कोर्स, ब्लैकबोर्ड से ब्रॉडबैंड में परिवर्तन

punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 09:27 PM (IST)

चंडीगढ़ः नोवल कोरोना वायरस (कोविड -19) के चलते ऑनलाइन और मिश्रित शिक्षा अब जि़ंदगी का शैक्षिक सत्य है। ऑनलाइन शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए रणनीतियों का विकास करना एक नया प्रोग्राम है जो स्कूल के आगामी सत्र में अध्यापकों की सहायता करने के लिए तैयार किया गया है। कोरोनावायरस महामारी के मुश्किल हालातों के दौरान जब आधे मार्च से पूरे भारत में स्कूल और कॉलेज बंद किये गए थे, उस समय आई.क्यू.ए.सी., देव समाज कॉलेज ऑफ ऐजूकेशन द्वारा एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया गया था। कुछ दिनों बाद, अध्यापकों को बिना प्रशिक्षण, कम बैंडविडथ और बहुत कम तैयारी के साथ, ऑनलाइन शिक्षा और प्रशिक्षण बिना योजनाबद्ध और तेज़ी से सभी शैक्षिक संस्थानों द्वारा शुरू कर दिया गया। इसमें कोई शक नहीं कि ऑनलाइन शिक्षा बिना किसी विकल्प के एक बढिय़ा विधि है।

सर्वेक्षण के नतीजों से पता चला है कि कुल 82.1 प्रतिशत अध्यापकों को ऑनलाइन शिक्षा का कोई तजुर्बा नहीं था, 90.2 प्रतिशत अध्यापकों ने कहा कि वह पहली बार ऑनलाइन क्लासें ले रहे हैं, जबकि 9.8 प्रतिशत अध्यापकों ने बताया कि वह कोविड-19 के चलते तालाबन्दी के दौरान ऑनलाइन क्लासें नहीं ले रहे हैं। इस शिक्षा के मद्देनजऱ अध्यापकों के द्वारा दरपेश उपरोक्त समस्याओं को ध्यान में रखते और कोविड -19 महामारी के दौरान देव समाज कालेज आफ ऐजूकेशन, सैक्टर 36 -बी, चण्डीगढ़ ने संभावित और सेवा निभाय रहे अध्यापकों के लिए ‘लर्निंग टू टीच आननलाईन ’ विषय पर एक ऑनलाइन एम.ओ.ओ.सी. कोर्स तैयार किया। यह एक नवीन पहल है जो आई.क्यू.ए.सी. की तरफ से आदरणीय श्री निर्मल सिंह ढिल्लों, सचिव देव समाज और चेयरमैन, देव समाज कालेज आफ ऐजूकेशन, चण्डीगढ़ के योग्य नेतृत्व और हिदायतें के अधीन टीचिंग लर्निंग सैंटर आफ डी.एस.सी.ई. के द्वारा की गई। इस ई -कोर्स की शुरूआत प्रिंसिपल डा. (श्रीमती) अगनीस ढिल्लों के यतनों और दूर-दृष्टी के परिणामस्वरूप की गई।

यह कोर्स इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान छात्रों को सीखने के अवसर के समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण और जरूरी काम के रूप में महत्तवपूर्ण साबित हुआ है। हमारे अध्यापकों को नए तकनीकी उपकरण सीखने और दुनिया भर के छात्रों के लिए शिक्षा उत्पन्न करने की नई संभावनाओं को अनुभव करने का अवसर मिलेगा।

कॉलेज ने पहले ही इस कोर्स के एक बैच को पूरा कर लिया है, जहां विभिन्न राज्यों जैसे झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, असम, तमिलनाडु, राजस्थान आदि के लगभग 700 उम्मीदवारों ने भाग लिया। इससे पहले, कॉलेज ने 60 अध्यापकों पर इसी कोर्स का पायलट स्कीम के तौर पर अध्ययन किया था, जिन्होंने इसकी बहुत प्रशंसा की । कॉलेज को अब स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी), स्कूल शिक्षा विभाग और पंजाब सरकार की ओर से सेवारत अध्यापकों के लिए दो सप्ताह के ई-कोर्स ‘ट्रांजि़शन फ्रोम ब्लैकबोर्ड टू बरोडबैंड: ओनलाईन ट्रेनिंग फोर ऑनलाइन टीचिंग’ की सपोंसरशिप हासिल हो गई है जिसका समापन 9 अगस्त, 2020 दिन सोमवार को होगा। कोर्स संबंधी प्रतिभागियों की मांग और भरपूर समर्थन पर कॉलेज 12 अगस्त, 2020 से 28 अगस्त, 2020 तक एक और बैच शुरू करने जा रहा है। कई उम्मीदवारों ने पहले ही कोर्स का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है और रजिस्ट्रेशन अभी भी जारी है। हमें पूरी उम्मीद है कि यहां जो भी अध्यापक सीखेंगे, वे अपने वर्कप्लेस पर प्रभावी ढंग से लागू करेंगे।


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Yaspal

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