पंजाब में Blackout का खतरा मंडराया, बिजली खरीदने के लिए पॉवरकाम ने मांगे सरकार से 200 करोड़

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 09:51 AM (IST)

पटियाला/मानसा(जोसन,मित्तल): केंद्र सरकार की ओर से पंजाब में मालगाड़ियों की बहाली अभी भी नहीं हो पाई है। केंद्र इस बात पर अड़ा हुआ है कि जब तक राज्य सरकार सुरक्षा नहीं मुहैया नहीं करवाती तब तक ट्रेनों की बहाली नहीं होगी। रेलवे के प्रवक्ता ने यह भी साफ किया है कि मीडिया में मालगाड़ियों की बहाली की खबरें निराधार है। वहीं माल गाडिय़ां रुकने के साथ पंजाब में बड़ा कोयला संकट खड़ा हो गया है जिस कारण पंजाब के थर्मल प्लांट लगभग बंद हो गए हैं और पंजाब में ब्लैक आऊट का खतरा मंडरा गया है। पावरकॉम अब रोजाना करीब 1000 मैगावाट बिजली बाहर से खरीद रहा है। पावरकॉम के चेयरमैन ए. वेणू प्रसाद ने पंजाब सरकार से 200 करोड़ रुपए की मांग की है।  

पावरकॉम सूत्रों मुताबिक मानसा के तलवंडी साबो थर्मल पावर प्लांट में एक तिहाई दिन के लिए 10, 552 टन कोयला बचा है। राजपुरा प्लांट में कोयला खत्म हो गया है। गोइंदवाल साहिब प्लांट में 18,294 मीट्रिक टन कोयला मौजूद है। बठिंडा के लहरा मोहब्बत और रूपनगर के प्लांट में पहले से ही उत्पादन बंद है।  दरअसल पिछले करीब एक महीने से पंजाब में माल गाडिय़ों पर ब्रेक लगी हुई है, हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की तरफ से की गई अपील के बाद किसान माल गाडिय़ों को रास्ता देने पर राजी हो गए थे, परन्तु 24 अक्तूबर को कुछ स्थानों पर किसानों ने फिर से माल गाडिय़ां रोकीं। इससे रेलवे ने पंजाब में माल गाडिय़ों की सेवाएं रोक दीं।



हालांकि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूश गोयल को चिट्ठी लिखकर रेल सेवाएं बहाल करवाने में निजी दखल देने की मांग की थी, परन्तु रेल मंत्री ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को लिखी चिट्ठी में कहा कि पंजाब सरकार माल गाडिय़ों के साथ-साथ यात्री गाडिय़ों की फिर बहाली यकीनी बनाए और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ले। केंद्र और पंजाब के घमासान कारण माल गाडिय़ां फिलहाल रुकी हुई हैं। इस कारण रूपनगर, बठिंडा के लहरा मोहब्बत, मानसा के तलवंडी साबो, पटियाला के राजपुरा और तरन तारन के गोइन्दवाल साहिब थर्मल पावर प्लांट के सभी यूनिट बंद कर दिए गए हैं। कोयला न पहुंचने कारण बिजली संकट पैदा हो सकता है। इस समय राज्य में 5456 मैगावाट बिजली की मांग है। इस मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम मुख्य तौर पर पनबिजली योजना पर निर्भर हो गया है।

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