विधायक के करीबी व अक्सर विवादों से जुड़े अधिकारी का तबादला, जारी हुआ नोटिफिकेशन
punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 11:08 AM (IST)

जालंधर (मृदुल): डी.जी.पी. गौरव यादव के दफ्तर द्वारा गत दिन एक स्पैशल एवं सिंगल ऑर्डर जारी करते हुए जिला जालंधर के एक विधायक जोकि अक्ससर खुद विवादों में रहते हैं और उनके चहेते खासमखास अधिकारी का तबादला आखिरकार उनका जिला बदलते हुए जालंधर से तबादल कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि उक्त तबादला इलाके के लोगों एवं शहर में पुलिस अधिकारी की ढीली कारगुजारी के तहत ही किया गया है। इस बाबत डी.जी.पी. दफ्तर को उक्त अधिकारी के खिलाफ अक्सर कई गुप्त रिपोर्ट भी मिलीं, जिसमें कई तरीके शिकायत एवं अधिकारी की ढीली कारगुजारी के बारे जानकारी दी गई थी।
‘पंजाब केसरी’ अखबार द्वारा उक्त अधिकारी की ढीली कारगुजारी एवं लोगों को न मिल रहे इंसाफ को लेकर प्रमुखता से कुछ दिन पहले ही छापा गया था। जिसके बाद सरकार ने एक्शन में आते हुए उक्त अधिकारी का तबादला करना ही मुनासिब समझा।
सरकार में उच्च पद पर बैठे अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि सरकार ने एक स्पैशल नोटीफिकेशन जारी उक्त अधिकारी का जिला ही बदल दिया है क्योंकि उक्त अधिकारी जोकि जिले के मौजूदा विधायक का बेहद करीबी है और विधायक जी के हलके में उनके इशारे पर ही काम करता था, उससे आम जनता बेहद नाराज हो गई थी। सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा एवं थानों में नहीं मिल रहे इंसाफ के कारण डी.जी.पी दफ्तर को मिली गुप्त रिपोर्ट के कारण उक्त अधिकारी को बदला गया।
चाहे जिले के सबसे बड़े संजीदा हलके के विधायक जी के इलाके में लॉटरी की दुकानें दोबारा खुली हों या सिविल अस्पताल की बैकसाइड पर एक विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा करने को लेकर हो या एक मनी एक्सचेंजर को नशे के गलत केस में फंसाने के बाद माननीय हाईकोर्ट में हुई किरकिरी के बारे में हो। इनके अलावा शहर के थानों में अगर दो पक्षों का कोई झगड़ा होता था तो सरकार में बैठे विधायक जी के कहने पर पार्टीबाजी के चलते लोगों पर कई तरह की धक्केशाही करने के भी आरोप उक्त अधिकारी पर लगते रहे हैं।
उक्त अधिकारी की बंद लिफाफे में इंटैलीजैंस डिपार्टमैंट ने भी भेजी थी सरकार को रिपोर्ट
वहीं दूसरी ओर उक्त अधिकारी के इलाके में 4 दिनों में लगातार चोरी, लूट एवं हत्या के प्रयास के मामलों की वारदातें होना, यह भी आम बात हो गई थी। इन वारदातों के होने के बाद अधिकारी द्वारा उक्त वारदातों को ट्रेस न करने के चलते भी इंटैलीजैंस द्वारा बंद लिफाफे में सरकार को रिपोर्ट भेजी गई थी। इस पर सरकार ने जांच करने के बाद उक्त कदम उठाया है।
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