ऑटो यूनियन द्वारा संघर्ष की चेतावनी मिलते ही हरकत में आया ट्रांसपोर्ट विभाग

punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 09:08 PM (IST)

लुधियाना ( सुरिन्द्र सन्नी): राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा ऑटो रिक्शा चालकों के पुराने चालान के जुर्माने माफ करने के ऐलान के बाद अभी तक कोई सरकारी आदेश इस संबंधी जारी नहीं हुए था। जिससे नगर के ऑटो रिक्शा चालकों में रोष व्याप्त था। सी.एम. चन्नी के आदेशों पर अमल न होता देख जिला ऑटो रिक्शा वर्कर्स फैडरेशन के प्रधान सतीश कुमार मामा ने संघर्ष की चेतावनी दी थी जिसके बाद मौके को संभालते हुए ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा 10 के करीब बंद ऑटो रिक्शा को रिलीज कर दिया गया है। बंद आटो रिक्शा को रिलीज करने में कोई भी जुर्माना नहीं लिया गया।

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इस संबंध में फैडरेशन के सदस्य बीते दिन भी विभाग के अधिकारियों को मिलने को गए थे लेकिन वहां भी उन्हें टालमटोल कर वापिस भेज दिया गया। बुधवार सुबह फैडरेशन के सदस्यों ने सी.एम. चन्नी के आदेशों को अमल में न लाने के प्रति रोष जाहिर करते हुए संघर्ष की चेतावनी दी। इसके बाद अधिकारियों ने तुरंत उन्हें अपने ऑफिस बुलाकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा बंद किए गए 10 ऑटो रिक्शा को बिना कोई जुर्माना लिए रिलीज कर दिया है। मामा ने कहा कि एक बार तो हमें लगा था कि मुख्यमंत्री सिर्फ चुनावी लॉलीपॉप ही थमा कर गए हैं जिसके बाद उनके दिलों में फिर से संघर्ष करने का विचार आया था। अब अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा ऐलान किए गए सभी वादों को पूरा किया जाएगा।

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बता दे कि इससे पहले रेखी सिनेमा चौंक से लेकर पुरानी सब्जी मंडी चौक तक ऑटो  रिक्शा के लिए लागू की की गई नो-एन्ट्री को भी वहां से खत्म कर दिया गया है।  शहर में ऑटो  रिक्शा के लिए यैलो लाइन लगाने और स्टैंडों के लिए जगह देने की सुविधा के ऐलानों पर अभी काम शुरू नही हो पाया।

दूसरी तरफ जुर्मानों की राशि माफ करने की कोई सरकारी नोटिफिकेशन न होने के चलते ट्रांसपोर्ट विभाग ने अपने पाले से गेंद छोड़ दी है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने 2 महीने से पुराने के सभी चालानों की सूची बनाकर उन्हें अदालतों में भेजने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए स्टाफ को सुबह 6 बजे ही आफिस बुला लिया गया था। बुधवार को सितंबर माह के 2 हजार के करीब चालानों को अदालत में भेज दिया गया है। अक्तूबर व नवंबर महीने को छोड़कर लोग अन्य महीनों के चालान को आर.टी.ए. ऑफिस की बजाय अब अदालत में भुगत सकेंगे। भविष्य के लिए भी यह योजना बनाई गई है कि ट्रैफिक पुलिस के चालान भुगतने के लिए सिर्फ एक महीने तक आर.टी.ए. ऑफिस के पास रखे जाएंगे। उसके बाद चालानों को अदालत में भेज दिया जाएगा।
 

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News Editor

Kamini