काली दीपावली मनाने को मजबूर अटारी बॉर्डर के 10 हजार कुली और ट्रांसपोर्टर

punjabkesari.in Sunday, Oct 27, 2019 - 08:28 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): पूरे देश में स्पष्ट नजर आ रही मंदी का कुछ ज्यादा ही असर सीमावर्ती जिले अमृतसर में देखने को मिल रहा है इसका सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान के साथ भारत का आयात-निर्यात बंद होना है। हिमाचल, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों को स्पैशल पैकेज दिए जाने के कारण पहले ही पंजाब की आर्थिक दशा खराब थी और उद्योग व्यापार दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो गया था लेकिन अब पाकिस्तान के साथ इम्पोर्ट एक्सपोर्ट खत्म होने के कारण अमृतसर व अटारी बार्डर के 10 हजार से ज्यादा परिवार काली दीपावली मनाने को मजबूर हो चुके हैं। आयात-निर्यात बंद होने का असर पूरे पंजाब के अलावा दिल्ली तक भी नजर आ रहा है। 

जानकारी के अनुसार पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर 200 प्रतिशत ड्यूटी लगाए जाने के बाद 16 फरवरी के बाद से अटारी बार्डर स्थित आई.सी.पी. पर काम करने वाले 5 हजार कुली, 1 हजार मजदूर, ट्रांसपोर्टर, सी.एच.ए. व अन्य कर्मचारी रातो रात बेरोजगार हो गए क्योंकि पाकिस्तान से आयात बिल्कुल ही बंद हो गया।
PunjabKesari, Transporters of attic border are forced to celebrate Colourless Deepawali
8 महीनों से बैठे हैं बेरोजगार
आई.सी.पी. पर काम करने वाले हजारों कर्मचारी पिछले 8 महीनों से बेरोजगारी के आलम में जी रहे हैं और भारत-पाक जंग की बड़ी-बड़ी ढींगे मारने वाले किसी भी नेता ने इन बेरोजगारों का हाल नहीं पूछा है। यहां तक कि प्रशासन का कोई अधिकारी भी इन बेरोजगारों की सुध लेने नहीं आया है। आई.सी.पी. पर इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट से जुड़े 700 से ज्यादा ट्रांसपोर्टरों के ट्रक बिक चुके हैं या फिर बैंकों ने सरैंडर करवा लिए हैं क्योंकि ट्रकों की किश्त उतारने के लिए पैसे नहीं हैं।

7 हजार करोड़ का होता था पाकिस्तान से आयात-निर्यात
आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर ट्रकों के जरिए व इंटरनैशनल रेल कारगो पर मालगाड़ी के जरिए 7 हजार करोड़ का आयात-निर्यात होता था। पाकिस्तान से सीमैंट, जिप्सम, रॉक साल्ट, छुआरा व अन्य वस्तुओं का आयात होता था जबकि पाकिस्तान में कोरॉ कॉटन, दवाएं, टॉयर, व अन्य वस्तुओं का एक्सपोर्ट किया जाता था जो इस समय बिल्कुल बंद हो चुका है।

अफगानिस्तान से आने वाले 8-10 ट्रकों से नहीं भर सकता हजारों परिवारों का पेट
मौजूदा समय में पाकिस्तान से हर रोज ड्राईफ्रूट व प्याज के 8-10 ट्रक आ रहे हैं लेकिन इससे हजारों परिवारों का पेट नहीं भर सकता है। इतने से आयात से बहुत कम कुलियों व मजदूरों को दो वक्त की रोटी मिल पाती है।


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Edited By

Sunita sarangal

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