सरकार ने ध्यान न दिया तो पंजाब से उजड़ जाएगा ट्रैवल कारोबार

punjabkesari.in Sunday, Jun 03, 2018 - 08:02 AM (IST)

जालंधर (अमित): प्रदेश सरकार ने अगर ट्रैवल एजैंटों को नए एक्ट को लेकर पेश आ रही समस्याओं की तरफ जल्द ही ध्यान न दिया तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब से ट्रैवल कारोबार उजड़ कर चंडीगढ़, हरियाणा या दिल्ली में चला जाएगा। कुछ इसी सोच के साथ पंजाब ट्रैवल एजैंट एसो. (पी.टी.ए.ए.) और ट्रैवल एजैंट एसो. ऑफ इंडिया (टी.ए.ए.आई.) प्रदेश से सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह को एक मांग पत्र सौंपने जा रही है। इस संबंधी जानकारी देते हुए टी.ए.ए.आई. के पूर्व चेयरमैन राजेश्वर डांग ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पंजाब में खासतौर पर जालंधर के अंदर ट्रैवल कारोबार से जुड़े कारोबारियों के मन में खौफ की स्थिति बनी हुई है।

पुलिस व सिविल प्रशासन द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई के बाद हर कोई सहमा हुआ है, चाहे वे कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं। सरकार द्वारा तय सारे मापदंडों और नियमों का पालन कर रहे हैं मगर फिर भी वे सुरक्षित नहीं हैं इसीलिए सी.एम. के नाम एक मांग पत्र बनाया गया है, ताकि वह कड़े नियमों के अंदर थोड़ी रियायत प्रदान करते हुए इस कारोबार को पंजाब में जीवित रख सकें। अगर ट्रैवल कारोबार पंजाब से चंडीगढ़, दिल्ली व हरियाणा आदि में चला जाएगा तो विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए अपनी फाइल चंडीगढ़ में जाकर लगवाना आसान नहीं है। पंजाब को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है जिसका खमियाजा आने वाली कई पीढिय़ों को चुकाना होगा। 

क्या है सी.एम. को दिया जाने वाला मांग पत्र 
सी.एम. को भेजे जाने वाले मांग पत्र में लिखा गया है कि पंजाब प्रिवैंशन ऑफ ह्यूमन स्मगङ्क्षलग एक्ट, 2012 के रूल्ज और प्रिवैंशन आफ ह्यूमन स्मगङ्क्षलग रूल्ज, 2013 और 2014 में किए गए संशोधन में अभी भी कुछ खामियां हैं जिन्हें दूर व स्पष्ट किया जाना जरूरी है। एसो. के लगभग सारे सदस्यों ने 2015 के अंदर लाइसैंस के लिए आवेदन जमा करवा दिया था और आज तक बड़ी गिनती में लाइसैंस आवेदन पैंङ्क्षडग पड़े हुए हैं। सबसे पहले इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि ट्रैवल एजैंट की जो परिभाषा एक्ट में दी गई है उसके अनुसार ट्रैवल एजैंट विदेश जाने वाले यात्री के साथ संबंधित सभी काम कर सकता है जैसे कि पासपोर्ट अरेंज करना, वीजा, होटल बुकिंग और टिकटिंग आदि, इसलिए अलग-अलग काम के लिए कैसे और कितनी फीस ली जानी चाहिए। इसके साथ ही कारोबार वाली जगह के प्रूफ के तौर पर दिए जाने वाले दस्तावेजों में 5 में से 1 देना अनिवार्य है जबकि मौजूदा समय में रजिस्टर्ड रैंट-डीड के लिए कारोबारियों के ऊपर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। 

3-4 अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने जालंधर आने का फैसला बदला
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले तक 3-4 अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां जालंधर में अपना दफ्तर खोलने संबंधी लगभग सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुकी थीं। आफिस के लिए जगह का चुनाव भी किया जा चुका था मगर मौजूदा परिस्थितियों के चलते उक्त कंपनियों ने जालंधर आने का फैसला बदल दिया है। 

Anjna