उद्योगों में लगेंगे ट्रीटमैंट प्लांट : सोनी

punjabkesari.in Monday, May 21, 2018 - 09:13 AM (IST)

जालन्धर (धवन): पंजाब के पर्यावरण, शिक्षा व स्वतंत्रता संग्राम कल्याण मंत्री ओ.पी. सोनी ने कहा है कि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा पर्यावरण को प्रत्येक प्रकार के प्रदूषण से बचाने के लिए उद्योगों में ट्रीटमैंट प्लांट लगाने को यकीनी बनाया जाएगा। सोनी ने पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डा. रोशन सुंकारिया तथा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें प्रदूषण पर रोक लगाने के विभिन्न उपायों पर विचार किया गया। सोनी ने कहा कि कांग्रेस सरकार पंजाब को औद्योगीकरण के मार्ग पर ले जाना चाहती है तथा उसने उद्योगों को प्रफुल्लित करने के लिए सस्ती बिजली व अन्य सबसिडियां नई औद्योगिक नीति में दी है। औद्योगीकरण के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना भी जरूरी है। जिस एक्सियन के अधीन पड़ते इलाकों में कोई उद्योग नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाएगा तो उसके लिए संबंधित एक्सियन जिम्मेदार होगा। 


उन्होंने उद्योगों से अपील की कि वे प्रत्येक प्रकार के प्रदूषण पर रोक लगाने के मामले में अपना सहयोग सरकार को दें और साथ ही जिन नगर निगमों तथा नगर कौंसिलों के अधीन नदियों का जल प्रदूषित होगा तो संबंधित निगमों व कौंसिलों के अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


सोनी ने कहा कि राज्य में पराली तथा गेहूं के अवशेष जलाने की घटनाएं रोकने के उद्देश्य से सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने खुशी जाहिर की कि विभाग के अधिकारियों की कोशिशों के कारण पिछले साल की तुलना में इस वर्ष नाड़ जलाने के मामलों में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। पराली और नाड़ को खेतों में ही निपटाने के लिए किसानों को जरूरी उपकरण दिए जाएंगे। केंद्र सरकार भी इस मामले में मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह के प्रयासों से विशेष ग्रांट जारी करने के लिए सहमत हो गई है। अगर आज पर्यावरण को प्रदूषण से न बचाया गया तो आने वाली पीढ़ी हमें क्षमा नहीं करेगी। वह पर्यावरण में फैल रहे प्रदूषण को लेकर स्वयं प्रत्येक शहर तथा कस्बे के अधिकारियों से रिपोर्ट लिया करेंगे। 


शीरा नहीं बहा, रूटीन से बहाया जा रहा था वेस्ट मैटीरियल
अमृतसर (इन्द्रजीत/वड़ैच): कीडी अफगाना स्थित शूगर मिल में शीरे के लीक होने के कारण ब्यास दरिया में लाखों मछलियों के मारे जाने का रहस्य गहरा गया है। इसमें जहां दरिया में बहे शीरे की बात कही जा रही है वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि शीरा नहीं बहा, वेस्ट मैटीरियल रूटीन से बहाया जा रहा था। इसमें उस दिन बहे मैटीरियल का मात्रा 50 लाख लीटर से अधिक थी, वहीं प्रदूषण विभाग का कहना है कि शूगर मिल में टैंकर फट गया था जिसमें शीरा स्टोर किया गया था।


शूगर मिल में चलती है शराब की फैक्टरी : प्रदूषण विभाग का मानना है कि शूगर मिल में ही एक शराब की फैक्टरी चलती है जिसके लिए शीरा स्टोर किया जाता है। इसमें शीरा स्टोर करने के बाद शीरे के बीच मौजूद इथाइल अल्कोहल को निकाल लिया जाता है जिससे शराब बनती है।


द्रव्य में नहीं था कैमिकल : प्रदूषण विभाग का कहना है कि दरिया में बहे द्रव्य में कैमिकल नहीं होता क्योंकि शीरे को इथाइल अल्कोहल में बदलने के लिए जीस्ट का मिश्रण बनाया जाता है क्योंकि 4 अल्कोहल जिसमें मिथाइल, इथाइल, प्रोफोमाइल, बोटाइल ऐसे अल्कोहल हैं जिनमें सिर्फ इथाइल ही मनुष्य के खाद्य पदार्थ में शामिल हो सकता है जबकि जीस्ट का कैमिकल एक्शन सिर्फ खमीर पैदा करता है, नेगेटिव कैमिकल रिएक्शन नहीं करता। इसलिए मछलियां कैमिकल के कारण नहीं मरी, बल्कि दम घुटने से उनकी मौत हुई है।  


शूगर मिल में टैंकर फटा : काहन सिंह पन्नू : पंजाब प्रदेश प्रदूषण विभाग के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने स्वीकार किया है कि चड्ढा शूगर मिल में शीरे का टैंकर फट गया था, ऐसा तेज गर्मी के चलते हो जाता है। इसमें किसी की आपराधिक भावना नहीं थी। यह आम तौर पर नहीं होता है, इसे एक दुर्घटना माना जा सकता है।

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