राज्यव्यापी वाहन घोटाले का पर्दाफाश, 4 करोड़ के 93 वाहन बरामद, गिरोह का सरगना रशपिन्द्र गिरफ्तार

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2019 - 09:14 PM (IST)

रूपनगर(विजय) : पुलिस ने करोड़ों रुपए के एक राज्यव्यापी वाहन घोटाले (स्टेट व्हीकल स्कैम) का पर्दाफाश किया है। इसके तहत पुलिस ने पंजाब में गैर कानूनी ढंग से चल रहे 93 वाहन बरामद कर कब्जे में लिए हैं जिनकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपए है। इस स्कैम में दिल्ली, होशियारपुर, संगरूर तथा पटियाला के कार डीलरों के शामिल होने का पता लगा है। फतेहगढ़ साहिब, तरनतारन, संगरूर तथा मोगा के ट्रांसपोर्ट विभाग के कार्यालय इस घोटाले में जुड़े हुए थे।   

रूपनगर के एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा ने बताया कि गिरोह का सरगना रशपिन्द्र सिंह उर्फ सोनू निवासी धूरी को गिरफ्तार किया गया है जोकि सोनू धूरी कार बाजार के नाम से अपना कारोबार चलाता था जिसके द्वारा पंजाब भर में 1500 वाहनों का कारोबार हुआ है। इनमें से 65-70 फीसदी गाडिय़ों पर प्राइवेट व सरकारी बैंकों के लोन हैं। उन्होंने बताया कि रूपनगर पुलिस द्वारा पकड़े गए 93 वाहनों में इटियोज की 85 गाडिय़ां, इनोवा 2, स्विफ्ट डिजाइर 3, मर्सीडिज 1 तथा रिजैंट 2 वाहन शामिल हैं। 

उन्होंने बताया कि उक्त वाहनों को पकडऩे में लगभग 1 महीने का समय लगा है। इस मामले में पुलिस ने चमकौर साहिब थाने में केस दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि शेष वाहनों को लेकर दिल्ली, गोवा व महाराष्ट्र में छानबीन जारी है। इस गिरोह में बहुत से सरकारी व गैर सरकारी व्यक्ति शामिल हैं जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और कम से कम 1400 वाहन और बरामद किए जाएंगे। एस.एस.पी. ने बताया कि यह संगठित नैटवर्क एक राज्य से सैकेंड हैंड गाडिय़ां खरीद कर उनकी चैसीज तथा इंजन नंबर बदल कर दूसरे राज्य के कार डीलरों को बेच देते थे। ये व्हीकल महाराष्ट्र से बहुत ही कम मूल्य पर खरीदे गए थे। विभिन्न राज्यों के कार डीलरों ने टोयोटा के लगभग 5 हजार वाहन खरीदे हैं। 

उनमें से लगभग 1500 के करीब वाहन पंजाब से खरीदे गए हैं। जब कोई वाहन किसी एक स्टेट से दूसरी स्टेट में ट्रांसफर किया जाता है तो उसके लिए कुछ दस्तावेज तथा सरकारी फीस/टैक्स दोनों राज्यों के संबंधित विभाग के पास जमा होते हैं। स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग में 5 दस्तावेज जमा करवाने होते हैं, जहां वाहन ट्रांसफर किया जाता है तथा इस संबंधी दस्तावेज स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग में भी जमा करवाए जाते हैं, जहां वाहन अंत में बेचा जाता है।

प्रत्येक गाड़ी पर करते थे 2-3 लाख की कमाई
एस.एस.पी. ने बताया कि उक्त गैंग विभागीय कार्रवाई से बचते हुए प्रत्येक गाड़ी पर लगभग 2-3 लाख रुपए की कमाई करता था। यह जिले के ट्रांसपोर्ट कार्यालय के क्लर्क की मिलीभगत से वाहनों का चैसीज नंबर बदल कर इन वाहनों को नए वाहन के तौर पर रजिस्टर करवा देता था। गिरफ्तार व्यक्ति से जाली आधार कार्ड भी बरामद किए गए हैं। यह पता लगा है कि एक ही नकली आधार कार्ड पर कई वाहनों को रजिस्टर किया गया है। जब्त किए गए कई वाहनों पर संबंधित राज्य के लोन भी बकाया हैं। 

Vaneet