अमृतसर जेल से भागे दो सगे भाई गिरफ्तार, तीसरे की तलाश जारी

punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2020 - 12:44 PM (IST)

अमृतसर(संजीव): अमृतसर के जेल ब्रेक कांड में फरार 3 हवालातियों में जरनैल सिंह को आनंदपुर साहिब के बस स्टैंड के समीप व उसके भाई गुरप्रीत सिंह गोपी को उसके दोस्त शमशेर सिंह शेरा के घर से गांव जोड़ा तरनतारन से गिरफ्तार किया गया।  इनको पनाह देने व आर्थिक सहायता करने वाले शमशेर सिंह शेरा निवासी गांव जोड़ा व करनैल सिंह उर्फ कर्नल निवासी चोहला साहिब को भी गिरफ्तार किया गया है। चारों आरोपियों को आज अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। यह खुलासा पुलिस कमिश्नर डा. सुखचैन सिंह गिल ने पत्रकार सम्मेलन में किया, जिनके साथ डी.सी.पी. इन्वैस्टीगेशन मुखविन्द्र सिंह भुल्लर, ए.डी.सी.पी. हरजीत सिंह धालीवाल भी उपस्थित थे। 

कमिश्नर ने बताया कि गत 1 व 2 जनवरी की मध्यरात्रि गुरदीप सिंह गोपी, जरनैल सिंह व विशाल शर्मा केन्द्रीय जेल की दीवारें तोडऩे के बाद फांद कर फरार हो गए थे, जिसके बाद डी.सी.पी. भुल्लर की अध्यक्षता में स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम बनाई गई थी, जिसमें थाना इस्लामाबाद  इंचार्ज इंस्पैक्टर अनिल कुमार, सी.आई.ए. स्टाफ इंचार्ज इंस्पैक्टर सुखविन्द्र सिंह रंधावा व थाना बी-डिवीजन इंचार्ज गुरविन्द्र सिंह शामिल थे। तीनों थाना प्रभारी अपनी टीमों रेड कर रहे थे।  हाल ही में गुरदीप व जरनैल की  बहन परमजीत कौर व साले सुखविन्द्र सिंह को काबू किया गया था, जिसके बाद मिले सुरागों के आधार पर पुलिस ने रात पहले जरनैल सिंह को पकड़ा, फिर सुबह गुरदीप सिंह को पकडऩे के लिए शमशेर सिंह शेरा के घर रेड की तो गुरदीप ने सिपाही के मुंह पर उबलती चाय उड़ेल उसे जख्मी कर  दिया और सीढ़ी के सहारे छत पर चढ़ा और नीचे कूद गया। ईंटों के ढेर पर गिरने से उसे चोटें लगीं तो उसे काबू कर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस तीसरे हवालाती विशाल शर्मा की भी तलाश कर रही है।

जेल ब्रेक की योजना से अंजाम तक का सफर
अक्तूबर महीने में जरनैल व गुरदीप ने जेल ब्रेक कर फरारी की योजना बनाई थी, जिसमें दोनों के साथ 4 हवालाती भी शामिल थे, मगर इनमें से एक हवालाती फरीदकोट जेल भेज दिया गया और 2 हवालाती फरारी से पीछे हट गए तो योजना कुछ दिनों के लिए टल गई थी। इसके बाद फिर से दोनों भाइयों ने योजना बनाई और विशाल शर्मा को मिला लिया। 1 जनवरी की रात भागने की पूरी तैयारी थी। रात टी.वी. की आवाज में तीनों हवालाती दीवार की ईंटें कुरेदते रहे। जब बैरक में सभी हवालाती सो गए तो इन्होंने दीवार गिराई और बाहर आ गए। तीनों ने एक-एक कर दीवारें फांदनी शुरू की, जिन्हें एक दिन पहले चिन्हित कर लिया था। जहां से आखिरी दीवार फांदनी थी वहां एक कपड़े का टुकड़ा लटका रखा था। रात के अंधेरे में तीनों दीवारें फांद बाहर निकले फिर तरनतारन रोड पर स्थित बाबा नोध सिंह की समाधि पर आए और चाय पी। तीनों के पास 50 रुपए का एक नोट था, जिसे देकर एक आटो चालक की मिन्नतें की और तरनतारन पहुंचे, जहां से बहन व मां के  पासघर पहुंचे। वहां से विशाल अलग हो गया और जरनैल सिंह पत्नी के साथ आनंदपुर साहिब चला गया था।

Edited By

Sunita sarangal