UGC के एग्जाम कराने के फैसले पर फूटा Students का गुस्सा, सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास

punjabkesari.in Wednesday, Jul 08, 2020 - 10:55 AM (IST)

लुधियाना (विक्की): यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को अंतिम वर्ष के स्टूडैंट्स के लिए सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित करवाने के फैसले पर स्टूडैंट्स भड़क गए है। सरकार व यू.जी.सी. का फरमान जारी होते ही स्टूडैंट्स ने ट्विटर पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। बता दें कि यू.जी.सी. की तरफ से जारी गाइडलाइन्स के अनुसार फाइनर ईयर के स्टूडैंट्स के एग्जाम ऑनलाइन, आफलाइन या दोनों तरीकों से आयोजित किए जा सकते हैं।

एम.एच.आर.डी. व स्टूडैंट्स का अपना-अपना तर्क 
हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक ने कहा कि एम.एच.ए. और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से परामर्श के बाद छात्रों की सुरक्षा, करिय व प्लेसमैंट के मद्देनजर यू.जी.सी. ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं संबंधित अपने पहले के दिशा-निर्देशों में बदलाव किया है। यू.जी.सी. के परीक्षा आयोजित करवाने के फैसले से स्टूडैंट्स काफी नाराज है और सोशल मीडिया पर यू.जी.सी. गाइडलाइन्स के खिलाफ जमकर गुस्सा निकल रहे है। वहीं स्टूडैंट्स फैडरेशन ऑफ इंडिया ने परीक्षा आयोजित कराने के फैसले को क्रूर मजाक बताते हुए अपना विरोध जताया है।

स्टूडैंट्स ने किए यह ट्वीट
टि्वटर पर कई यूजर एक अस्पताल वार्ड में बैड लगी फोटो अपलोड करके लिखा है कि यू.जी.सी. ने फाइनल ईयर के स्टूडैंट्स के लिए बैड का इंतजाम भी कर लिया है ताकि पेपर देने के बाद उन्हें सीधे अस्पताल में भर्ती किया जा सके। एक अन्य यूजर ने लिए, सरकार के मुताबिक, एग्जाम जिंदगी से ज्यादा जरूरी है। एक तरफ कहते हैं घर में रहो, स्वस्थ रहो और दूसरी ओर स्टूडैंट्स को उनके घर से बाहर निकलकर मौत के पास जाने को कह रहे है। यह क्या साबित करना चाहते है। 
 

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