यूक्रेन में फंसे एक परिवार के 3 बच्चे: फोन का हर समय रहता है इंतजार, बच्चों की झलक को ‘तरस रही निगाहें’

punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 04:16 PM (IST)

जालंधर (पुनीत): टी.वी. चैनलों पर जब भी यूक्रेन में खतरा बढ़ने की खबरें चलती है तो यूक्रेन में फंसे बच्चों के अभिभावकों का दर्द चरम सीमा पर पहुंच जाता है। जालंधर जिले से दर्जनों बच्चे यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए गए हुए है, जिनमें से अधिकतर वापस नहीं लौटे है। आमतौर पर एक परिवार का एक बच्चा ही यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गया है, बहुत कम केसों में परिवार के 2 बच्चे यूक्रेन में पढ़ रहे है लेकिन जालंधर के शर्मा परिवार के 3 युवा यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गए हुए हैं। तीनों बच्चे के पास न होने के कारण उनकी परेशानी और भी बढ़ती जा रही है। मां-बाप सहित अभिभावकों को बच्चे के फोन कॉल का हर समय इंतजार रहता है।

शर्मा परिवार द्वारा पिछले दिनों बच्चों की टिकट भी बुक करवाई गई थी, लेकिन उनकी उस समय वापसी नहीं हो पाई जिसके चलते दिल की बेचेनी और बढ़ गई है। मां-बाप की आंखें बच्चों की एक झलक को तरस रही हैं और उन्हें अपनी बाहों में लेकर दिल को ठंडक देने का इंतजार कर रही है। सरकार द्वारा भले ही कुछ भी दावे किए जा रहे हो लेकिन मां-बाप को तसल्ली तो तब मिलेगी जब उनके बच्चे वापस लौटेगें। बिधिपुर के रहने वाले डा. शर्मा व रश्मि शर्मा का पुत्र इशान शर्मा 11 दिसम्बर को यूक्रेन गया था, उनके भाई मुनीश शर्मा की बेटी वंशिका शर्मा भी उनके साथ यूक्रेन में है। उनके भाई कालिया कालोनी निवासी विजय शर्मा का बेटा प्रथम शर्मा पहले से यूक्रेन में है, जोकि एम.बी.बी.एस. में दूसरे साल की पढ़ाई कर रहा है। बच्चे यूक्रेन में है और इस समय वह डर-डर कर समय गुजार रहे हैं, आलम यह है कि परिजनों का वक्त बच्चों की वापसी की उम्मीद में गुजर रहा है।

परिजनों ने बताया कि जब हालात खराब होने शुरू हुए थे तो यूनिवर्सिटी ने बच्चों की ऑनलाइन क्लासें लगाई थी, जिसके चलते ऐसा लग रहा था कि हालात एक-दो दिन में ठीक हो जाएंगे, लेकिन जब हालात बिगडऩे लगे तो उन्होंने बच्चों की 26 फरवरी की टिकटें बुक करवा दी। शर्मा परिवार से अब बच्चों का संपर्क नहीं हो पाया। जानकारों ने कहा कि ईशान की माता ने बताया था कि बच्चों को अभी तक आ जाना चाहिए था। केन्द्रीय अस्पताल मैडीकल आफिसर के रूप में तैनात ईशान की माता श्रीमती देवियानी से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हुई। परिवार ने टिकटें बुक करवाई थी। जानकारों का कहना है कि उनकी दुआ है कि बच्चे रास्ते में हो और जल्द ही वापस अपने घर पहुंच जाए। उनका कहना है कि उम्मीद थी कि वह मंगलवार तक पहुंच जाएंगे।


 

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Vatika