जिले में चल रहा है ‘5 रुपए में धरती बचाओ’ नाम का अनोखा अभियान

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 11:01 PM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा,खुराना,दर्दी): श्री मुक्तसर साहिब में 1 डाक्टर, 2 अध्यापकों और 2 समाज सेवियों ने मिलकर लोगों को प्लास्टिक के लिफाफोंं संबंधी जागरूक करने के लिए एक अनोखी मुहिम शुरू की है जिसका नाम इन्होंने 5 रुपए में धरती बचाओ मुहिम रखा है। वातावरण रक्षकों की यह टीम हर सप्ताह शनिवार को बाजार में कपड़े के बने थैले सिर्फ 5 रुपए में ग्राहकों को उपलब्ध करवाती है और प्लास्टिक के लिफाफे न इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करती है। 

सरकारी प्राइमरी स्कूल भुल्लर ब्रांच के मुख्याध्यापक नवदीप सुक्खी बताते हैं कि इस बारे में श्री मुक्तसर साहिब में तैनात डाक्टर सीमा गोयल के मन में लोगों को पॉलीथिन के दुष्प्रभावों के बारे में बताने का विचार आया। इसके लिए उन्होंने अपने साथ 2 और अध्यापकों हरपिन्द्र राणा जो कि साहित्य के साथ भी जुडी हैं और नवदीप सुक्खी तथा समाजसेवी जशनदीप जिम्मी को जोड़ा, वहीं मुहिम बारे जानकर सोनी बाबा भी इसके साथ जुड़ गए।

  नवदीप सुक्खी ने बताया कि इस मुहिम के अंतर्गत वह कपड़े के थैले तैयार करवा करबाजार में लोगों को उपलब्ध करवाते हैं जिसके लिए कपड़ा सोनी बाबा उपलब्ध करवाते हैं जबकि बाकी चारों टीम मैंबर सब्जी मंडी में जाकर लोगों को स्पीकर लगा कर समझाते हैं और हर हफ्ते 100 से 150 कपड़े के थैले लोगों को देते हैं। वह कहते हैं कि इस थैले में 10 किलो तक सब्जियां व अन्य सामान लाया जा सकता है। यह थैला किरना देवी नाममात्र मेहनताना लेकर तैयार करके वातावरण प्रति अपने फर्ज पूरे कर रही हैं। पर्यावरण रक्षकों की यह टीम जब बाजार में जाकर धरती बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करना शुरू करती है तो जो व्यक्ति बाजार में पहले से ही कपड़े का थैला लेकर आया हुआ इनको मिलता है उसे ही उस जागरूकता अड्डे का मुख्य मेहमान बना लेती है। 

यह मुहिम आरंभ होने के नतीजे के तौर पर अब लगभग 10 प्रतिशत ग्राहक सब्जी मंडी में कपड़े के थैले लाने लगे हैं। डा. सीमा गोयल कहती हैं कि अभी उनकी थैलों में और सुधार लाने की भी योजना है, कोशिश जारी है कि इन थैलों को आकर्षक रंगों के कपड़े के साथ बनाया जाए और इनके माडर्न नाम भी रखे जाएं। हरपिन्द्र राणा और जशनदीप जिम्मी ने लोगों से अपील की है कि वे बाजार से सामान खरीदने जाने के समय घर से कपड़े का थैला लेकर जाएं और प्लास्टिक के लिफाफोंं का कम से कम प्रयोग करें।

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