शातिर शख्स ने कहा बिना एग्जाम दिए बेटे को बना देगा IAS, फिर पिता से ठग लिए 4 करोड़ रुपए

punjabkesari.in Saturday, Oct 12, 2019 - 10:46 AM (IST)

जालंधर (अश्विनी खुराना): कुछ समय पहले एक आई.आर.एस. अधिकारी राकेश सूरी के नाम पर थोड़े-थोड़े करके पैसे ठगने वाले शहर के नटवरलाल ठग की गतिविधियां तो चर्चा में आने के बाद चाहे बंद हो चुकी हैं परंतु इन दिनों शहर में नटवरलाल जैसी ठगी का एक और मामला खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में शहर के एक नामी-गिरामी डीड राइटर से यह कह कर करीब 4 करोड़ रुपए ठग लिए गए कि उसके बेटे को डायरैक्ट आई.पी.एस./आई.ए.एस. अफसर भर्ती करवा दिया जाएगा, जिसके लिए उसे कोई एग्जाम इत्यादि नहीं देना पड़ेगा।

ठगी के इस अनूठे मामले की रिपोर्ट जालंधर पुलिस तक पहुंच चुकी है और पुलिस इस मामले में कभी भी एफ.आई.आर. दर्ज कर सकती है। इस मामले में सारा आरोप 2 युवकों पर मढ़ा जा रहा है जिनमें से एक ‘सी.सी.’ नाम का रबड़ कारोबारी है, जबकि दूसरा ‘पी’ नामक युवक किशनपुरा निवासी बताया जा रहा है और लग्जरी बसों का मालिक है। आरोप तो यह भी है कि यह लग्जरी बसें ठगी के पैसे से ही खरीदी गईं परंतु सारी कहानी जालंधर पुलिस की जांच के बाद ही साफ होगी। फिलहाल ठगी के इस मामले की जांच पुलिस कमिश्रर गुरप्रीत सिंह भुल्लर के ध्यान में है और उन्होंने ए.डी.सी.पी. (इन्वैस्टीगेशन) को जांच का कार्य सौंप रखा है। इस मामले में जल्द ही आरोपी युवकों से पूछताछ की जाएगी और उसके बाद ही पुलिस अगली कार्रवाई करेगी।



खुद 16 कला सम्पूर्ण हैं डीड राइटर महोदय
जालंधर की कचहरियों में विशेष स्थान तथा विशेष प्रभाव रखने वाला डीड राइटर, जिसके साथ करोड़ों रुपए की ठगी हुई बताई जा रही है, खुद 16 कला सम्पूर्ण है और कई आई.ए.एस./पी.सी.एस. अफसर उसके अत्यंत निकटवर्ती हैं। इसलिए कइयों को यह बात पच नहीं रही कि जो शख्स खुद सारा दिन अफसरों के बीच रहता है, क्या उसे आई.ए.एस./आई.पी.एस. अफसरों की भर्ती का प्रोसीजर मालूम नहीं है। कैसे वह एक-दो युवकों के झांसे में आकर अपने बेटे विशु को डायरैक्ट अफसर भर्ती करवाने के लिए समय-समय पर लाखों रुपए देता रहा जो राशि आज करोड़ों में पहुंच गई है। वैसे इस डीड राइटर के पास इतने सबूत तो हैं कि कैसे उसने बैंक से कैश निकलवा कर ठगों को समय-समय पर दिए और कुछ पैसे बैंक ट्रांसफर के माध्यम से भी अदा किए।



जालंधर में बतौर डी.सी.पी. भी तैनात करवा दिया था
आरोपी ठगों ने डायरैक्ट आई.पी.एस. अफसर भर्ती करवाने का लालच देकर डीड राइटर के परिवार को पुलिस अधिकारी की एक वर्दी तक भिजवा दी थी और एक फर्जी लैटर जारी करके नए बन रहे आई.पी.एस. अधिकारी को जालंधर पुलिस का डी.सी.पी. तैनात करवा दिया था। इस मामले में भी पुलिस यह पता करवाने में जुटी हुई है कि आई.पी.एस. अफसर की वर्दी कैसे और किसके माध्यम से तैयार हुई और पहुंची तथा बतौर डी.सी.पी. पोसिं्टग के आर्डर कहां से और किसने तैयार किए।



पूरे मामले में सरगर्म हैं भाजपा के नेता
वैसे तो यह मामला एक डीड राइटर और 2 आरोपी युवकों के बीच का है परंतु संयोग से ही इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता जुड़े हुए हैं। लुधियाना नगर निगम का एक पूर्व भाजपा पार्षद इस मामले में काफी सरगर्म दिख रहा है। पिछले दिनों जालंधर के एक पूर्व भाजपा मंत्री के ड्राइंग रूम में भी इस फ्रॉड को लेकर बैठकें हुईं परंतु अब पूर्व मंत्री ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस मामले में शिकायतकत्र्ता का साथ दे रहा शख्स भी किला मोहल्ला का भाजपा नेता ही है।सुनने में तो हरियाणा के एक मंत्री का नाम भी इस मामले में सामने आ रहा है, जिसका खुलासा जालंधर पुलिस की जांच के बाद ही सम्भव है।



2013 से चल रहा है ठगी का मामला
डायरैक्ट अफसर भर्ती करवाने के नाम पर पैसे ठगने का यह मामला इन दिनों का नहीं बल्कि पिछले 6 सालों से चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ठगी की नींव 2013 में रखी गई जब सी.सी., पी. व विशु इत्यादि पेपर देने के लिए कपूरथला व अन्य स्थानों पर इकट्ठे हुए और वहां डीड राइटर के सुपुत्र को सीधा अफसर भर्ती होने के ख्वाब दिखाए गए। 




जेतली के नाम से जारी चिट्ठी भी है एक सबूत
शिकायतकत्र्ता का आरोप है कि नटवरलाल ठगों ने डीड राइटर के परिवार का विश्वास जीतने के लिए उसे दिल्ली स्थित यू.पी.एस.सी. कार्यालय की सैर भी करवाई। गौरतलब है कि आई.ए.एस./आई.पी.एस. जैसे उच्च अफसरों की भर्ती यू.पी.एस.सी. के माध्यम से होती है। आरोप है कि ठगों ने यू.पी.एस.सी. कार्यालय में डीड राइटर के परिवार को कुछ ऐसे दस्तावेज दिखाए जिन पर उनके पुत्र का नाम तक लिखा हुआ था।शिकायतकर्ताओं के पास एक चिट्ठी भी मौजूद है जो अरुण जेतली (अब दिवंगत) के नाम से जारी है और आरोप लगाया जा रहा है कि ठगी करने हेतु उस चिट्ठी का इस्तेमाल किया गया। अब सवाल यह है कि आरोपी ठगों ने इस चिट्ठी को तैयार करवाया या इसे किसने और कैसे जारी किया, जालंधर पुलिस आने वाले समय में जांच करके ही इसका खुलासा कर सकती है।

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