नागरिकता बिल को रद्द कर देश की एकता और अखंडता को बचाया जाए: शाही इमाम

punjabkesari.in Thursday, Dec 19, 2019 - 06:20 PM (IST)

लुधियाना(सलूजा): आज यहां ऐतिहासिक जामा मस्जिद में हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई और दलित भाईचारे के सदस्यों की एक मीटिंग शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब के प्रधान सरदार प्रितपाल सिंह, समाज सेवी पूर्व पार्षद श्री परमिंदर मेहता, किलवरी चर्च सी.एन.आई के पादरी राम लाल व यूथ सेक्ट्री संदीप प्रेम मसीह विशेष रूप से उपस्थित थे।
 
शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि देश भर में हो रहे प्रदर्शन किसी समुदाय के खिलाफ नहीं बल्कि केंद्र सरकार की संविधान के खिलाफ बनाई गई नीतियों के खिलाफ है, धर्म को आधार बना कर बनाया गया नागरिकता कानून देश को बांटने वाला है। शाही इमाम ने कहा कि 1947 में मुहम्मद अली जिन्ना की जिन नीतियों को भारत के हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई और दलित भाईचारे ने नकारा था और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की स्थापना की थी आज उसी लोकतंत्र में आज धर्म के आधार पर कानून थोपे जा रहे हैं। शाही इमाम ने कहा कि जामिया मिल्लिया के बच्चों के साथ दिल्ली पुलिस ने जुल्म करके इंसानियत को शर्मिंदा कर दिया है।

इस अवसर पर सरदार प्रितपाल सिंह ने कहा कि नागरिकता बिल में सभी धर्मों के लोगों को रखना चाहिएं था सिर्फ एक धर्म के लोगों को निशाना बना कर देश की एकता को तोडऩे की साजिश है, प्रितपाल सिंह ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने इस धरती से सांझी वार्ता का संदेश दिया है जो हमारे देश की असल विरासत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हिन्दू-सिख व अन्य धर्मों के शरणार्थियों को नागरिकता देकर अच्छा कदम उठाया गया है इसके साथ ही मुस्लिम समाज को भी इस कानून में शामिल करना चाहिए था। आदि धर्म समाज से राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजकुमार अतिकाय ने कहा कि भारत में कभी भी नफरत कि जीत नहीं हुई है। हमारा हजारों साल का इतिहास गवाह है कि हमेशा सच्चाई का ध्वज लहराया हैं, श्री राजकुमार ने कहा कि आज देश में एक बार 
फिर संप्रदायिक ताकते लोगों को बांट कर वोट की राजनीति कर रही हैं। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया में आंदोलन कर रहे बच्चों पर जरनल डायर कि तरह आक्रमण कर पुलिस ने लोकतंत्र की हत्या की है। समाज सेवी व पूर्व पार्षद परमिंदर मेहता ने कहा कि देश की जंगे आजादी में जहां सभी धर्मों ने कुर्बानी दी है वहीं देश के मुसलमानों और खास कर लुधियाना के हबीब परिवार का बड़ा योगदान रहा है। मेहता ने कहा कि धर्म की राजनीति करने वालों को पता होना चाहिए कि यह वही मुसलमान हैं जिन्होंने पाकिस्तान कि स्थापना की मुखालिफत की थी और फिर कैप्टन अब्दुल हमीद जैसे वीरों ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए। मेहता ने कहा कि मुसलमान हमारा अंग हैं और हम पहले इंसान हैं, किलवरी चर्च सीएनआई के पादरी राम लाल व यूथ सेक्ट्री संदीप प्रेम मसीह कहा कि भारत में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है और नागरिकता कानून का संशोधन बांटने वाला है। उन्होंने कहा कि कट्टरवाद के लिए हमारे देश में कोई भी धर्म कभी सहमत नहीं होगा, हम सब एक हैं और यही विश्व में हमारी पहचान है। इस अवसर पर सभी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि यह कानून रद्द किया जाए।
 

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