सेहत से खिलवाड़ : मिठाइयों पर घटिया वर्क और फलों पर कैमिकल से तैयार स्टिकर का धड़ल्ले से प्रयोग

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 09:15 AM (IST)

 

रूपनगर (कैलाश): स्वास्थ्य विभाग की पाबंदी के बावजूद शहर में कथित तौर पर चांदी के नाम पर घटिया किस्म के वर्क लगी मिठाइयां व फलों पर स्टिकर लगाकर उन्हें धड़ल्ले से बेचा जा रहा है और इस ओर स्वास्थ्य विभाग एवं फूड कमिश्नर का कोई ध्यान नहीं है। समाज सेवी महेन्द्र सिंह ओबराय सचिव गुरुद्वारा कलगीधर कन्या पाठशाला, संतोख सिंह वालिया, आर.के. भल्ला, एडवोकेट मनीष आहूजा ने बताया कि पुराने जमाने में लोग जब सेब का उपयोग करते थे तो फलों को छिलके सहित खाया करते थे क्योंकि यह माना जाता है कि सेब से ज्यादा सेब के छिलके में अधिक पौष्टिकता रहती है। इसी प्रकार मिठाइयों पर चांदी के वर्क लगाने की परम्परा थी, लेकिन धीरे-धीरे चांदी का वर्क लगाना तो दूर कुछ कैमिकल से बने वर्क ही अब मिठाइयों पर लगाए जा रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, इनसे कैंसर जैसे रोग भी हो सकते हैं। इसी प्रकार फलों पर लगने वाले स्टिकर भी कैमिकल की मदद से लगाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक घातक हैं।

हैरानीजनक है कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए तंदुरुस्त मिशन के तहत फूड कमिश्नर ने कई प्रकार के संदिग्ध मिलावट भरे खाद्य पदार्थों के नमूने भी भरे और कार्रवाई भी की, लेकिन उपरोक्त मामले में कार्रवाई सुस्त है। स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से मिठाइयों पर लगा घटिया वर्क और फलों पर लगाए जाने वाले स्टिकर की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसी बात का फायदा उठाते हुए फल व मिठाई विक्रेता नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि नियमों का उल्लंघन करने वाले फल व मिठाई विक्रेताओं पर बनती विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित बनाई जाए। इस संबंध में सहायक फूड कमिश्नर डा. सुखराव सिंह से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और न ही वह दिन में कार्यालय में उपस्थित पाए गए।

Anjna