Valentine Week: यह प्यार ही था- 'नहीं तो भला साग के साथ चावल कौन खाता है'

punjabkesari.in Friday, Feb 08, 2019 - 12:30 PM (IST)

जालन्धर(भारती/जसमीत) : रिश्ता लंबा निभाने का सबसे अच्छा फार्मूला है कि कभी अपनी जिंदगी से शरारत को दूर न होने दीजिए। असम की परनीति के साथ अपना रिश्ता तरोताजा होने के पीछे पुलिस डी.ए.वी. स्कूल में पढ़ाते पावेल यही एक वजह मानते हैं। असम की ग्रैजुएट परनीति से पावेल की शादी साल पहले ही हुई है। पावेल से उनकी जान-पहचान सोशल साइट्स फेसबुक के कारण हुई थी। दरअसल, 17 साल पहले एक हादसे के कारण पावेल स्पाइन कॉर्ड इंजरी के शिकार हो गए थे। कई साल कमरे में गुजारने के दौरान एक दिन उन्हें फेसबुक पर परनीति मिली।
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फेसबुक ने उनके बीच बिचौलिए की भूमिका निभा दी। वह मिले और शादी करने का फैसला कर लिया। पावेल परनीति के साथ अपने मजबूत रिश्ते के लिए प्यार की बजाय चावल की भूमिका को अहम मानते हैं। वह बताते हैं- परनीति असम से है। वह चावल खाने की बेहद शौकीन है। सॢदयों में जब हमारे घर में मक्की दी रोटी और सरसों का साग बना होता है तो वह घर में अकेली ऐसी सदस्य होती है, जिसकी थाली में आपको चावल ही नजर आते हैं। पावेल हंसते हुए बताते हैं कि साग और चावल का कॉम्बिनेशन उनके घर पर जबरदस्त है। परनीति को चावल से प्यार है और मुझे उससे। यही मंत्र हमारी जिंदगी को सफलता की सीढ़ी चढ़ाए जा रहा है। नहीं तो वैसे आप ही सोचिए भला साग के साथ चावल कौन खाता है!

शादी के एक दिन पहले मिले थे 
परनीति बताती है- हम फेसबुक पर एक कॉमन फ्रैंड के जरिए मिले थे। मैंने इनको फ्रैंड रिक्वैस्ट भेजी थी। धीरे-धीरे बातें शुरू हुईं तो हमें लगने लगा कि हम एक साथ जिंदगी बिता सकते हैं। फिर एक दिन अचानक पावेल का फोन आया। बोले- शादी करनी नहीं है। मेरे तो होश उड़ गए। फिर अहसास हुआ- हां यही वह इंसान है जिसे मैं ढूंढ रही थी। शादी से पहले हम सिर्फ फोन पर ही बात करते थे। शादी से एक दिन पहले जब हमें मिले तो पहली बार एक-दूसरे के सामने थे। पावेल से शादी के लिए घरवालों को मनाना टेढी खीर थी। अब मैं शुक्रगुजार हूं अपने घरवालों की जिन्होंने मेरी भावनाओं को समझा।
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पहली बार मिले तो लगा- धोखा हो गया
पावेल बताते हैं- 4 दिसम्बर को हमारी शादी थी तो हम 3 दिसम्बर को गुवाहटी पहुंचे। परनीति के घर वाले होटल में हमसे मिलने आए। परनीति इतना घबराई हुई थी कि डर के मारे वह चप्पल तक पहनना भूल गई थी। हम मिले तो वह कुछ नहीं बोली। मैंने कुछ बातें कीं लेकिन कोई जवाब नहीं आया। मैं तो डर गया- धोखा तो नहीं हो गया। कहीं लड़की गूंगी तो नहीं। कहीं फोन पर बातें कोई और ही तो नहीं कर रहा था। साली साहिबान साथ थी। उनसे पूछा- क्या बात हो गई आपकी दीदी बोल नहीं रही है। साली ने परिस्थिति समझने में देर नहीं लगाई। बोली- क्यों अगर मेरी दीदी गूंगी होती तो क्या आप शादी नहीं करते।
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एक गुलाब फूल दो, सारी गलतियां माफ
पावेल बताते हैं- परनीति को गुलाब बहुत पसंद है। अब रोजमर्रा की जिंदगी में हजार गलतियां भी कर लो सिर्फ एक गुलाब का फूल देकर उसे मना सकते हो। पावेल ने इसके साथ ही बीते साल गुजरे वैलेंटाइन डे की एक याद भी सांझा की। उन्होंने कहा- स्कूल में बिजी रहने के कारण वह बीवी को विश नहीं कर पाए थे। उन्हें घर लौटने में हिचक महसूस हो रही थी। आशंका थी कि बीवी गुस्सा करेगी। ऐसे समय में गुलाब के फूल ने ही मेरा साथ दिया। एक बड़ा-सा बुके घर ले गया। शिकायत तो दूर बड़े प्यार से उस दिन मेरा स्वागत हुआ था।


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Anjna

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