सब्जी मंडियां चिट्टा तस्करों के लिए बनी वरदान

punjabkesari.in Thursday, Aug 29, 2019 - 01:57 PM (IST)

लुधियाना(शारदा): एक तरफ पंजाब सरकार राज्य में नशा तस्करों को खत्म करने के लिए एस.टी.एफ. और पुलिस पर निरंतर दबाव बनाए हुए है तथा पुलिस भी नशा तस्करों को खत्म करने के लिए दिन-रात एक किए हुए है, वहीं दूसरी तरफ नशा तस्कर पुलिस से बचने के लिए नए-नए तरीके तलाश रहे हैं ताकि पुलिस की नजर उन पर न पड़े। पिछले कुछ माह से तस्करों ने नया रास्ता अपनाते हुए शहर के गली-मोहल्लों में लगने वाली सब्जी मंडी में बड़े स्तर पर नशा बेचना शुरू कर दिया है। भीड़भाड़ वाली मंडी में सब्जी के साथ-साथ तस्कर इतनी चालाकी से चिट्टा बेच रहे हैं की पुलिस को इसकी भनक तक नहीं है।

इस तरह खुली तस्करों की पोल
मोहल्लों में मंडियों का लगना कोई नई बात नहीं है। पहले एक वार्ड में सप्ताह के एक दिन सब्जी मंडी लगती थी और लोग पूरे सप्ताह की सब्जियां खरीद लेते थे लेकिन पिछले कुछ माह से पूरे शहर में मंडियों के लगने की तादाद में बेतहाशा वृद्धि हुई है। थोड़े-थोड़े अंतर पर मंडी लगाने के लिए मोहल्लों की कमेटियों से इजाजत लेने हेतु उन्हें प्रतिमाह 50 से 70 हजार की रकम देने का वायदा किया जा रहा है। इतनी रकम छोटी मंडी लगाने वाले आखिर किस तरह अदा कर पाएंगे तथा थोड़े-थोड़े अंतर पर मंडी की जरूरत क्या है। 

इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए जब दशकों से मंडियां लगाने का काम करने वाली यूनियन के सदस्यों से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया की दरअसल पुलिस से बचने और सुरक्षित नशा बेचने के लिए नशा तस्कर अब इन मंडियों को अपना निशाना बना रहे हैं, जिसके लिए वे लोगों को मोटी रकम अदा करने का भरोसा दे रहे हैं। इसके लालच में लोग गली-मोहल्लों में मंडियां लगाने की इजाजत दे रहे हैं, पर वे इस बात से अनजान हैं कि ऐसा करके वे अपने बच्चों का भविष्य खराब करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया की पहले निर्धारित एरिया में मंडी लगाने के लिए ग्लाडा से इजाजत लेनी पड़ती थी। नशा तस्कर मंडियों में लोगों की भीड़ का फायदा उठा खुलकर नशा बेच रहे हैं, पुलिस और सरकार को तुरंत इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

Vaneet