महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट, कीमतों में भारी उछाल

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2024 - 04:28 PM (IST)

गुरदासपुर : एक माह में ही सब्जियों की कीमतों में बड़ा उछाल आया है। बाजार में टमाटर 100 रुपए प्रति किलो होने सहित सभी सब्जियों के भाव 2 से 3 गुणा होने के कारण महिलाओं का रसोई बजट बिगड़ता जा रहा है। घरेलू महिलाओं ने आरोप लगाया कि सभी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, व्यापारिक संगठन मंहगाई, बेरोजगारी तथा भ्रष्टाचार के बारे में तो शोर मचाते हैं पंरतु सब्जियों की बढ़ी बेतहाशा कीमतों संबंधी पता नहीं क्यों चुप्पी धारण कर जाते हैं जबकि सब्जियों के बढ़ रहे दाम के कारण बिगड़ रहे बजट का असर पूरी परिवार पर पड़ता है। 

इस संबंधी यदि सब्जी बेचने वाले दुकानदारों ने कहा कि सब्जियों के रेट बढ़ने के बावजूद उनकी कमाई में कमी आ रही है। एक तो उन्हें अधिक राशि लगाकर काम धंधा करना पड़ रहा है, दूसरा महंगी सब्जी खरीदने के लिए कोई तैयार नहीं है। अधिकतर लोग सब्जी का भाव पूछ कर ही वापस चले जाते हैं। आंकड़ा पार कर लिया है जोकि अपने आप में रिकॉर्ड तोड़ तेजी बताई जा रही है।

क्या कहना है ग्रहणियों का?

इस संबंधी ग्रहणियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि गर्मियों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला नींबू भी 100 रुपए किलो तक पहुंच चुका है। इसी तरह टमाटर जो जून में 10 से 15 रुपए किलो था, वह अब बाजार में 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं नींबू 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है जबकि अन्य सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज मार्कीट में गोभी 70 रुपए प्रति किलो, लौकी 60, अरबी 60, शिमला मिर्च 70, बैंगन 50, गाजर 40, पालक 40, मूली 50, भिंडी 50, करेला 50, काली तोरी 50, प्याज 50 तथा आलू 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। दुकानदार तथा रेहड़ी वाले अब किलो की बजाय एक पाव (250 ग्राम) का रेट बताते हैं।

क्या कहना है सब्जी मंडी आढ़तीय एसोसिएशन के जिला प्रधान का?

इस संबंधी जिला मुख्यालय की सब्जी मंडी आढ़तीय एसोसिएशन के जिला प्रधान रवि महाजन ने कहा कि सब्जियों विशेषकर टमाटर की कीमतों में आई भारी तेजी का कारण गत दिनों पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी, बरसात व ओलावृष्टि है। टमाटर की अधिकतर फसल हिमाचल प्रदेश के सोलन, शिमला, नालागढ़, बद्दी इलाकों से पंजाब भर की सब्जी मंडियों में पहुंचती है लेकिन गत दिनों हिमाचल में हुई भारी बरसात और बर्फबारी के कारण टमाटर की फसल बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस दौरान जिन किसानों ने मार्कीट देख कर टमाटर की फसल को जमा कर बचा लिया है, वह अब टमाटर सहित अन्य सब्जियों को बाजार में मुंह मांगी कीमतों पर बेच कर रहे हैं।

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News Editor

Kalash

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