जलियांवाला बाग जनसंहार से हर भारतीय का हृदय पीड़ित :वेंकैया नायडू

punjabkesari.in Sunday, Apr 14, 2019 - 08:18 AM (IST)

अमृतसर(कमल, वालिया, ममता): उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग स्मारक में जघन्य नरसंहार की शताब्दी पर अमर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।  उप-राष्ट्रपति ने जलियांवाला बाग त्रासदी के 100 वर्ष पूरे होने पर एक विशेष स्मारक डाक टिकट तथा सिक्का जारी किया। नायडू ने अपने ट्वीट में कहा कि जलियांवाला बाग  हमें याद दिलाता है कि हमें आजादी कितने ही बलिदानों की कीमत पर हासिल हुई है।  सोशल मीडिया के माध्यम से अपने संदेश में उप-राष्ट्रपति ने कहा कि इस अमानवीय त्रासदी के 100 साल बीत जाने के बाद आज भी उसकी वेदना हर भारतीय के हृदय को पीड़ित करती है। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर, प्रदेश भाजपा के प्रधान श्वेत मलिक, मंत्री ओम प्रकाश सोनी, राजिंद्र मोहन सिंह छीना आदि मौजूद थे। 

उधर, भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक एस्क्विथ ने यहां जलियांवाला बाग नरसंहार की 100वीं बरसी पर जलियांवाला बाग स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किया और कहा कि ब्रिटेन एक शताब्दी पूर्व हुई इस घटना पर गहरा खेद व्यक्त करता है। एस्क्विथ सुबह के समय जलियांवाला बाग पहुंचे और 13 अप्रैल 1919 को हुई घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने स्मारक पर आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘100 साल पहले हुई जलियांवाला बाग की घटना ब्रिटिश-भारतीय इतिहास में एक शर्मनाक कृत्य है। जो भी हुआ और उसकी वजह से जो पीड़ा पहुंची, उसके लिए हम गहरा खेद व्यक्त करते हैं।’’

एस्क्विथ ने कहा, ‘‘मैं आज प्रसन्न हूं कि ब्रिटेन और भारत 21वीं सदी की भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री थैरेसा मे ने जलियांवाला बाग नरसंहार को बुधवार को ब्रिटिश-भारतीय इतिहास पर एक ‘शर्मनाक धब्बा’ करार दिया था। उन्होंने हालांकि औपचारिक माफी नहीं मांगी। यह पूछे जाने पर कि ब्रिटिश सरकार ने माफी क्यों नहीं मांगी, एस्क्विथ ने कहा कि मैं जानता हूं कि यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। 

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