बड़ी खबरः केंद्र की तरफ से पंजाब को भेजे गए 82 Ventilators में से 71 निकले खराब

punjabkesari.in Thursday, May 13, 2021 - 10:00 AM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब को केंद्र से कोरोना मरीजों के लिए 82 वैंटीलेटर्स भेजे गए थे लेकिन उनमें से 71 खराब निकले। इस बात की जानकारी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने दी। उन्होंने बताया कि पंजाब को 4 लाख कोविड वैक्सीन चाहिए जिसके लिए केंद्र को कहा जा चुका है। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी पूरी नहीं हो रही जिसके लिए 6 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और चाहिए। यही नहीं उनके कोटे के 37 हजार रेमडेसिविर इंजैक्शन भी कम मिले हैं। इस संबंध में केंद्र की ओर से अडिशनल सोलिस्टर जनरल ने कोर्ट को बताया कि पंजाब को मिले 71 खराब वैंटीलेटर्स की जांच चल रही है और रिपोर्ट अगली सुनवाई तक पेश कर दी जाएगी। पंजाब की अन्य मांगों पर भी विचार किया जा रहा है और जल्द तमाम जरूरी चीजें भेज दी जाएंगी। 

कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से मांगी है प्रबंधों की जानकारी
पंजाब और हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में कोरोना की ताजा स्थिति और निपटने के लिए किए जा रहे प्रबंधों की जानकारी भी कोर्ट ने दोनों रा’यों और चंडीगढ़ से मांगी है। दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल ने कहा कि जिला स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो गांवों में जाकर स्थति का जायजा लेकर जरूरी इंतजाम कर रहे हैं। तैयारियों का अपडेट अगली सुनवाई के समय दे दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए दोनों राज्यों और चंडीगढ़ को आदेश दिए कि अगली सुनवाई पर एफिडेविट देकर बताएंगे कि ग्रामीण इलाकों में क्या इंतजाम किए गए हैं और एफिडेविट भी प्रिंसीपल सचिव स्तर का अधिकारी देगा। 

‘वैक्सीनेशन की बर्बादी पर दोनों राज्यों से मांगा है जवाब’
वैक्सीनेशन की बर्बादी पर भी दोनों राज्यों से जवाब मांगा गया है। कोर्ट को बताया गया कि डिजास्टर मैनेजमैंट एक्ट के तहत सरकारी कर्मियों को वैक्सीनेट किया जा रहा है और प्रयास रहेगा कि वैक्सीनेशन की बर्बादी न हो। हरियाणा और पंजाब को अगली सुनवाई के वक्त वैक्सीनेशन कितनी वेस्ट हुई और क्या कारण रहे, भविष्य में ऐसा न हो इसके क्या इंतजाम किए गए हैं विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। 

‘सैक्टर-16 अस्पताल में मरीजों का लोड अधिक, इसलिए ज्यादा स्टाफ की जरूरत’
कोर्ट मित्र ने कोर्ट को बताया कि चंडीगढ़ में सैक्टर-16 के सरकारी अस्पताल में मरीजों का लोड अधिक है इसलिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत है। उन्होंने बताया कि शहर के बीचोंबीच होने के चलते वहां अधिक कोरोना मरीज पहुंच रहे हैं लेकिन सिर्फ 6 वैंटीलेटर्स ही हैं जबकि जरूरत अधिक है।  कोर्ट को बताया कि सैक्टर-16 के अस्पताल में स्टाफ की भी कमी है इसलिए पैरामैडीकल और मैडीकल स्टाफ की नियुक्ति स्थाई या अस्थाई रूप से जल्द होनी चाहिए। केंद्र के अधिवक्ता ने बताया कि सैक्टर-16 अस्पताल में जल्द और वैंटीलेटर्स भेज दिए जाएंगे और स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। 

‘पी.जी.आई. को दी जाएगी अतिरिक्त 5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन’
चंडीगढ़ के सीनियर स्टैंडिंग कौंसिल पंकज जैन ने बताया कि हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों पर अमल करते हुए प्रशासक की अध्यक्षता में ट्राइसिटी के उपायुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग हो चुकी है। इसमें फैसला लिया जा चुका है कि पी.जी.आई. को अतिरिक्त 5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी जाएगी और अन्य मैडीकल सुविधाओं का भी आदान प्रदान किया जाएगा। सप्ताह में दो बार ऐसी मीटिंग कर कोरोना को लेकर समीक्षा होगी। रेमडेसिविर इंजैक्शन के वितरण के लिए एक आला अधिकारी को नियुक्त किया है जिसे निजी अस्पताल मेल कर इंजैक्शन जरूरत के अनुसार ले सकेंगे। पी.जी.आई. के विशेषज्ञ भी ट्राइसिटी में कोरोना को लेकर मदद दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि ट्राइसिटी में अस्पतालों में बिस्तरों व वैंटीलेटर का ब्यौरा भी जारी हो रहा है। अगली सुनवाई और समीक्षा के लिए 18 मई सुनिश्चित की गई है।

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Vatika