होटलों में जाली आई.डी. दिखाकर कमरा लेना बेहद आसान, चैक करने का नहीं कोई सिस्टम

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 12:29 PM (IST)

जालंधर (स.ह): होटलों में जाली आई.डी. लेकर कमरा लेना काफी आसान है। होटल में रुकने वाले लोगों से आई.डी. प्रूफ लिए तो जरूर जाते हैं लेकिन वे असली हैं या जाली, इसे निर्धारित करना होटल कारोबारियों के लिए नामुमकिन है। होटल कारोबारियों के पास कोई ऑनलाइन सिस्टम ही नहीं है जिसमें वे पहचान पत्र को चैक कर सकें और परखने के बाद ही अपने होटल में कमरा किराए पर दें।

मोगा बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार हुए ओडिशा के राजवीर उर्फ राजू ने भी जालंधर में स्थित एक होटल में कमरा लेने के लिए जो आई.डी. प्रूफ दिया था, वह जाली था। उसमें राजवीर की फोटो तो थी लेकिन नाम-पता गलत था। सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद हो चुके राजवीर के रिश्तेदार उसे न पहचानते तो राजवीर को अरैस्ट करना काफी मुश्किल था। इस तकनीक को कोई और न आजमा ले, इसके लिए अभी तक प्रशासन ने किसी भी तरह की कोई तैयारी नहीं की।

हालांकि पुलिस के पास ऑनलाइन चैक करने के लिए एप है लेकिन यह सिर्फ पुलिस ही चैक कर सकती है। होटल वालों के लिए एक-एक आई.डी. प्रूफ को इस तरह चैक करवाना मुश्किल है। इसके अलावा कुछ होटलों में जुआ खेलने व अन्य गलत काम के लिए आए लोगों के लिए अलग से रजिस्टर रखा हुआ है जिसे छिपाकर ही रखा जाता है, जबकि किसी यात्री के लिए लगाया गया रजिस्टर सार्वजनिक तौर पर ही रखा होता है।

घरों में किराएदार रखने को लेकर भी पुलिस की ढील
घरों में किराएदार रखने को लेकर पुलिस वैरीफिकेशन करवाने के मामले में भी ढील ही चल रही है। न तो लोग फॉलो कर रहे हैं और न ही पुलिस गंभीरता दिखा रही है। डी.सी.पी. द्वारा लगातार किराएदारों, नौकरों की पुलिस वैरीफिकेशन करवाने को लेकर आदेश जारी किए जाते हैं लेकिन कभी भी पुलिस ने बड़े लैवल पर इसकी जांच नहीं की जिससे शहर में सैंकड़ों के हिसाब से बाहरी राज्यों से आए लोग रह रहे हैं। 
 

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