पंजाब की राजनीतिक खिचड़ी: तो क्या कांग्रेस छोड़कर AAP में शामिल हो जाएंगे सिद्धू !

punjabkesari.in Friday, Jun 05, 2020 - 09:06 AM (IST)

पटियाला(राजेश): जब से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कैबिनेट से हटे हैं, तभी से ये अटकलें लगती आ रही हैं कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को पंजाब का डिप्टी सी.एम. बनाने जा रही है। कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर यह खबर चल पड़ती है कि सिद्धू शीघ्र ही आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने जा रहे हैं। काफी समय से पंजाब की राजनीति में यही खिचड़ी पक रही है और सिद्धू मीडिया की सुर्खियों व पंजाब की राजनीति का एक तरह से केंद्र बिंदू बने हुए हैं। 

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इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि 2022 में सिद्धू जिधर जाएंगे उसी का पलड़ा भारी होगा। मंत्री पद से हटने के बाद सिद्धू ने आत्म चिंतन करने के साथ-साथ अपनी कमियां भी सुधारी हैं। अब उनमें सब से बड़ा बदलाव यह देखने को मिला कि उन्होंने कम बोलना शुरू कर दिया है। जिसका उन्हें आगामी समय में लाभ मिलेगा क्योंकि कई बार उनका ज्यादा बोलना ही उनके लिए नुक्सानदेह साबित हुआ है। यह बात स्पष्ट है कि जब तक पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह हैं, सिद्धू किसी भी हाल में पंजाब के डिप्टी सी.एम. नहीं बन सकते और पंजाब की कांग्रेस राजनीति में उनका कोई भविष्य नहीं है। कांग्रेस सरकार के करीब सवा तीन साल बीत चुके हैं और सरकार जनता व अपने वर्करों को खुश करने में नाकाम रही है। वर्ष 2017 में पंजाब की राजनीति के हाशिए पर आया अकाली दल अभी तक खड़ा नहीं हो सका है। ऐसे में सभी की नजरें आम आदमी पार्टी की तरफ हैं। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में अगर आप को सिद्धू जैसा चेहरा मिल जाता है तो पंजाब की पूरी राजनीति ही बदल जाएगी और पंजाब में दिल्ली विधान सभा जैसे नतीजे देखने को मिल सकते हैं। 

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सवाल सिर्फ सिद्धू की टाइमिंग का है, क्रिकेट की तरह ही राजनीति में भी टाइमिंग का विशेष महत्व है। अगर टाइमिंग ठीक न हो तो खिलाड़ी क्लीन बोल्ड हो सकता है और टाइमिंग ठीक हो तो सिक्सर लग लगता है। 2022 के विधान सभा चुनाव सिद्धू के राजनीतिक भविष्य का अहम चुनाव है। अगर वे इससे चूक गए तो फिर कभी भी पंजाब की राजनीति में कामयाब नहीं हो सकते। पंजाब की दोनों परंपरागत राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस व अकाली दल की हालत मौजूदा समय ठीक नहीं है। ऐसे में सिद्धू टाइमिंग देख रहे हैं कि वे कब सही फैसला लें। अगर वे अभी आप में जाने का फैसला लेते हैं तो कैप्टन अमरेंद्र की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार उन पर विजीलैंस का शिकंजा कस सकती है।

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सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सिद्धू के स्थानीय निकाय विभाग  के मंत्री के समय की सभी फाइलों की स्कैनिंग करके रिपोर्ट तैयार की हुई है कि किन फाइलों से सिद्धू पर शिकंजा कसा जा सकता है। पता चला है कि जीरकपुर नगर कौंसिल की कुछ फाइलों के आधार पर पंजाब विजीलैंस सी.एम. से ईशारा मिलते ही सिद्धू पर एक्शन कर सकती है। अगर सिद्धू अब कांग्रेस छोड़ते हैं तो वे उलझ जाएंगे। अगर 2021 के मध्य में कांग्रेस छोड़ कर आप का चेहरा बनते हैं तो उस समय अगर कांग्रेस सरकार उन पर विजीलैंस कार्रवाई करेगी तो इसका उन्हें राजनीतिक लाभ ही मिलेगा। ऐसे में सिद्धू किसी भी हाल में अप्रैल 2021 तक कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। वैसे भी वे करिशमई नेता हैं, अगर विधान सभा चुनाव से 6 महीने पहले आप में जाते हैं तो उनका जलवा विधान सभा चुनाव तक बरकार रहेगा। अगर वे मौजूदा समय जाते हैं तो लंबे समय तक वे अपना जलवा बरकार नहीं रख पाएंगे। 


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