इंप्रूवमैंट ट्रस्ट पर विजीलैंस टीम का छापा, सिद्धू के समय के खंगाले जा रहे रिकार्ड

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2019 - 02:28 PM (IST)

अमृतसर(महेन्द्र): स्थानीय निकाय विभाग के पूर्व कैबिनेट मंत्री से विभाग छीन कर उसे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पावरकॉम का विभाग देने के पश्चात हालांकि सिद्धू अपना नया मंत्रालय संभालने को तैयार नहीं हो रहे हैं, लेकिन इसी बीच कैप्टन तथा सिद्धू के बीच लगातार चल रही राजनीतिक कशमकश के चलते वीरवार की दोपहर स्थानीय विजीलैंस विभाग ने ट्रस्ट कार्यालय में पहुंच कर सरप्राइज रेड की।
 
स्थानीय डी.एस.पी. विजीलैंस तेजिन्द्र सिंह के नेतृत्व में करीब 15 सदस्यों की टीम ने ट्रस्ट कार्यालय में डेरा जमा कर उसकी विभिन्न शाखाओं के रिकार्ड अपने कब्जे में लेकर उसे खंगालना शुरू किया, जो सायं तक जारी रहा। इस रेड को लेकर विजीलैंस अधिकारी खुल कर कुछ भी बताने की बजाय इसे सिर्फ रूटीन चैकिंग ही कह कर पल्ला झाड़ रहे थे। दूसरी तरफ इस बात की चर्चा छिड़ी हुई है कि इस रेड के पीछे कहीं न कहीं सिद्धू पर दबाव बढ़ाने का ही मकसद छिपा हुआ है। 


2017 से लेकर अब तक का खंगाला जा रहा है रिकार्ड
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वीरवार को डी.एस.पी. विजीलैंस तेजिन्द्र सिंह के नेतृत्व में करीब 15 सदस्यों की टीम ने स्थानीय ट्रस्ट कार्यालय में दबिश दी। उन्होंने आते ही ट्रस्ट की सेल्ज शाखा व अकाऊंट शाखा में पहुंच कर वर्ष 2017 से लेकर अब तक का सारा रिकार्ड जांच के आधार पर मांगना शुरू कर दिया। इस दौरान संबंधित शाखाओं के कुछ कर्मचारियों को उनके ही आफिस से बाहर भेज दिया गया और कुछ अन्यों से जांच के आधार पर रिकार्ड अपने कब्जे में लेकर विजीलैंस टीम द्वारा जांच की जा रही थी। वहीं दूसरी तरफ डी.एस.पी. विजीलैंस तेजिन्द्र सिंह खुद ट्रस्ट के एस.ई. राकेश कुमार गर्ग के आफिस में ट्रस्ट के अन्य अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करते रहे।

हाईकमान के आदेश पर ही की गई रेड
रेड के दौरान हालांकि ट्रस्ट अधिकारी इस रेड के पीछे छिपे कारणों से खुद को पूरी तरह अनजान बता रहे थे। जबकि सूत्रों के अनुसार इसे विजीलैंस हाईकमान के आदेश पर ही की गई रेड बताया जा रहा था जिसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे, लेकिन न तो ट्रस्ट अधिकारी और न ही विजीलैंस पुलिस के अधिकारी कुछ बताने को तैयार हो रहे थे। 

रूटीन चैकिंग है और कुछ नहीं : बख्शी
इस संबंध में एस.एस.पी. विजीलैंस ब्यूरो आर.के. बख्शी से संपर्क किया गया तो उन्होंने खुल कर कुछ भी बताने की बजाय बार-बार यही कहा कि यह सिर्फ रूटीन चैकिंग ही है। लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर यह रूटीन चैकिंग किस काम से संबंधित है, तो उन्होंने इस  पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। 

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