विजिलेंस जांच में तेजी से मकसूदां-बिधीपुर सड़क घपले ने फिर पकड़ा तूल
punjabkesari.in Sunday, Jul 26, 2020 - 11:03 AM (IST)
जालंधर(चोपड़ा): स्टेट विजिलेंस विभाग की ओर से मकसूदां से बिधीपुर तक सड़क घपले की जांच में तेजी दिखाऐ जाने के बाद इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है और कांग्रेस-भाजपा में आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते दिन काउंसलर देसराज जस्सल ने भाजपा को एक बार फिर घेरते हुए एक बयान जारी किया कि करीब 5 साल पहले बादल सरकार दौरान मकसूदां से बिधीपुर फाटक तक 3.76 करोड़ रुपए की लागत के साथ सड़क बननी थी जो कि सिर्फ कागजों में बन कर रह गई। उन्होंने कहा कि विजीलैंस जांच में जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
काउंसलर जस्सल ने बताया कि उन्होंने आर.टी.आई. से मांगी गई रिपोर्ट से करीब 5 साल पहले खुलासा किया था कि उस समय के विधायक के.डी. भंडारी, मेयर सुनील ज्योति, निगम अधिकारी, ठेकेदार ने मिलकर करोड़ों का गबन किया था। काउंसलर जस्सल ने कहा कि उन्होंने उस समय भी आरोप लगाया था कि इस सड़क के ठेकेदार विनोद गुलाटी बिना काम पूरा किए पूरी पेमेंट ले चुके हैं। इसके इलावा उक्त जगह पर कारोबार कर रहे दुकानदार ने भी विजिलेंस विभाग को सड़क के न बनने को लेकर अपने बयान भी दर्ज करवाए था। काउंसलर जस्सल ने कहा कि विधायक बावा हेनरी सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं ने इस घपले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग रखी थी और कई बार कांग्रेसियों द्वारा धरने भी लगाए गए थे।
काउंसलर जस्सल ने कहा कि विधायक हेनरी ने पूर्व विधायक पर आरोप लगाया था कि इस घपले को छिपाने के लिए जानबूझ कर इस सड़क का 2.74 करोड़ रुपए का नया टैंडर लगवाया है जबकि इस दौरान भंडारी ने एक प्रैस कांफ्रेंस में कहा था कि इस मामले की जांच किसी रिटायर जज या सी.बी.आई. से करवाएंगे परन्तु अकाली-भाजपा सरकार के दबाव में किसी भी तरह की कोई जांच या कार्यवाही नहीं हुई थी। जस्सल ने कहा कि यदि पूर्व मेयर और पूर्व विधायक सही होते तो आरोपों की जांच करवाते न कि घपले को छिपाने के लिए सड़क का नया टैंडर लगवाते।