विजीलैंस की धरपकड़ गई फिजूल, पंजाब में टैक्स चोरी का धंधा फिर हुआ तेज

punjabkesari.in Tuesday, Dec 08, 2020 - 10:01 AM (IST)

जालंधर (पाहवा): पंजाब में करीब 3 महीने पहले राज्य की विजीलैंस टीम ने डेढ़ दर्जन से अधिक सरकारीअधिकारियों के खिलाफ  मामला दर्ज किया तथा यह बात सामने लाने की कोशिश की कि पंजाब में जो बिना बिल के कर चोरी का धंधा चल रहा है उसमें ट्रांसपोर्टरों तथा सेल्ज टैक्स विभाग के अधिकारियों की कथित बड़ी मिलीभगत है। इस सबके बीच पंजाब में इन अधिकारियों को सस्पैंड भी कर दिया गया जिनमें डी.ई.टी.सी. से लेकर ई.टी.ओ. व इंस्पैक्टर स्तर के अधिकारी शामिल थे। 

अब इस पूरे मामले में नया विवाद सामने आया है। इस विवाद में सवाल खड़ा हो रहा है कि राज्य में जिन प्रमुख ट्रांसपोर्ट कंपनियों की तरफ  से दो नंबर के माल को लाने व ले जाने के लिए अधिकारियों के साथ कथित सैटिंग की गई थी, वह काम फिर तेजी से शुरू हो गया है। पंजाब में विजीलैंस द्वारा जे.एस.के. साधु ट्रांसपोर्ट से लेकर लुधियाना की नारंग ट्रांसपोर्ट के मालिकों पर मामला दर्ज किया गया। इसके साथ ही मंडी गोङ्क्षबदगढ़ के कुछ पासर भी इस मामले में आरोपी बनाए गए थे।

हैरानी की बात है कि जिन अफसरों के खिलाफ  विजीलैंस ने एक्शन लिया उन्हें सस्पैंड किया जा चुका है तथा उनका अब विभाग में कोई 
दखल नहीं रह गया है। ऐसे में पंजाब में कर चोरी का धंधा फिर से तेजी से चल पड़ा है जिसमें अन्य ट्रांसपोर्ट कंपनियों के साथ-साथ जालंधर की जे.एस.के. साधु से लेकर नारंग तक सभी एक बार फिर से खुले में कर चोरी का काम कर रहे हैं।

अगर पूरा विभाग पाक-साफ  है तो फिर कैसे हो रही कर चोरी
अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिन अफसरों के कारण कर चोरी हो रही थी वह तो विभाग में काम कर नहीं रहे तो फिर यह राज्य में जो कर चोरी हो रही है, उसमें किसकी छत्रछाया है। सवाल यह भी है कि पूरे पंजाब में विजीलैंस को केवल उक्त मामले में आरोपी बनाए गए 18 के करीब अफसर ही भ्रष्ट लगे जबकि बाकी पूरा विभाग पाक-साफ  है। अगर पूरा विभाग पाक-साफ  है तो फिर कर चोरी कैसे हो रही है। सरेआम ट्रांसपोर्ट कंपनियों पर बिना बिल के माल की बुकिंग हो रही है तो सवाल यह है कि अब कौन जी.एस.टी. की चोरी करवा रहा है। क्या विभाग के और अफसर भी इसमें शामिल हैं जो विजीलैंस की नजर से बच गए या फिर कहानी कुछ और है। 

मामला अभी जांच के घेरे में
एक चर्चा यह भी चल रही है कि पंजाब में इस अभियान के तहत कुछ और अफसर भी शामिल किए जाने थे लेकिन एकाएक ऊपर से आए फरमान के बाद अभियान रोक दिया गया। जबकि एक चर्चा यह भी है कि कुछ खास अफसरों को टारगेट करने के लिए यह पूरा अभियान चलाया गया था जो अब रोक दिया गया है। खास बात यह है कि मामला अभी जांच के घेरे में है तथा अफसरों ने अदालत में जमानत के लिए अपील कर रखी है लेकिन विजीलैंस टीम और इस पूरे प्रकरण के पीछे कुछ राजनीतिक कारण भी छिपे होने की संभावना है जिस बारे जल्द खुलासा हो सकता है।

Tania pathak