सांपला को ‘कौम का गद्दार अवार्ड’ भेंट करने जा रहे दलित नेताओं को पुलिस ने रोका

punjabkesari.in Friday, May 11, 2018 - 10:44 AM (IST)

गढ़दीवाला (जितेन्द्र): केन्द्रीय मंत्री विजय सांपला के खिलाफ प्रदेश की जनता में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी आक्रोश का सामना विजय सांपला को उस समय करना पड़ा जब वह दसूहा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कमाही देवी में संगत दर्शन कार्यक्रम कर रहे थे। तब दलित समाज के लोगों ने दलित नेता शुभम सहोता की अगुवाई में विजय सांपला का डट कर विरोध किया। दलित समाज के लोग सांपला के विरोध में कमाही देवी की तरफ बढ़ रहे थे तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान दलित नेताओं ने विजय सांपला के खिलाफ जम कर नारेबाजी करते हुए रोष जाहिर किया। शुभम सहोता ने कहा कि दलित समाज में विजय सांपला के खिलाफ भारी रोष पाया जा रहा है।

इसी रोष स्वरूप आज वह सांपला को ‘कौम का गद्दार अवार्ड’ भेंट करने जा रहे थे लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने कहा कि लगातार 4 वर्षों तक जनता की कोई सुध न लेने वाले सांपला को अब लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख संगत दर्शन कार्यक्रमों की याद आ गई है। वह 4 वर्षों तक कभी किसी के दुख में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सांपला होशियारपुर जिले में जहां-जहां भी नौटंकी कार्यक्रम या संगत दर्शन करेंगे, दलित समाज डट कर उनका विरोध करेगा।

उन्होंने कहा कि जिन दलितों की बदौलत सांपला ने चुनाव जीता, जीतने के बाद उसी दलित समाज को पूरी तरह से उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं करवाया गया। सांपला की नालायकी की बदौलत तलवाड़ा में बनने वाला एम्स अस्पताल बठिंडा चला गया। 4 वर्षों दौरान जिले में कोई विकास प्रोजैक्ट नहीं लगा। हर वर्ग के लोगों में सांपला प्रति भारी रोष पाया जा रहा है। सांपला को न तो दलित से कोई मतलब है और न ही दलित समाज से, उन्हें केवल अपने ओहदे व रुतबे से ही मतलब है।

उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे लीडरों को सरकार से बाहर निकाला जाए। उन्होंने कहा कि विजय सांपला के अहंकार ने भाजपा को पंजाब में शून्य कर दिया है जिसका नतीजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा और इसी वजह से पार्टी ने उसे पंजाब भाजपा अध्यक्ष पद से हटा दिया। 

Anjna