कोरोना संकट: एक बार फिर मैरिज पैलेसों व रिसोर्ट्स पर मंडराने लगा Virus का खतरा

punjabkesari.in Saturday, Apr 10, 2021 - 10:22 AM (IST)

लुधियाना (जोशी): पंजाब विशेष रूप से लुधियाना को भव्य विवाह समारोहों के लिए जाना जाता है। इन आयोजनों पर पंजाबी जिनमें बड़े उद्योगपति व एन.आर.आई. भी शामिल हैं, महामारी से पहले तक अपने धन का भव्य प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते रहे हैं।

कई बार ऐसे बड़े विवाह समारोह भी देखने को मिले जिनमें बॉलीवुड फिल्मों पर आधारित भव्य सैट लगाए गए व हजारों अतिथियों का स्वागत किया गया। कई आयोजनों में दूल्हा या दुल्हन ने समारोह स्थल पर पहुंचने या डोली के लिए हैलीकॉप्टर का उपयोग किया। वहीं जब से कोरोना महामारी आई है, ऐसे भव्य आयोजन कहीं पीछे छूट गए हैं। पिछले वर्ष के शुरुआती महीनों में लॉकडाऊन/कर्फ्यू ने सभी गतिविधियां ठप्प कर दी थीं जिससे मैरिज पैलेस व इससे जुड़े सभी कारोबार जैसे फोटोग्राफी, डैकोरेशन, डी.जे., कैटरिंग/वैंडर्स इत्यादि पूर्ण रूप से बंद हो गए।

पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर में राज्य सरकार द्वारा मैरिज पैलेसों को कुछ छूट दी गई थी जिसके अंतर्गत हाल में 100 और लॉन में 200 तक लोगों के एकत्र होने की अनुमति दी गई थी। इस वर्ष की शुरुआत में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या जब दोबारा बढऩे लगी तो इस छूट को वापस लेकर लोगों की संख्या 20 कर दी गई। इससे मैरिज पैलेस कारोबार पर दोबारा संकट के बादल मंडराने लगे। मैरिज पैलेसों के मालिकों ने बार-बार पंजाब के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि उन्हें संकट से उबारा जाए। अब राज्य सरकार ने दोबारा एक आदेश जारी किया है जिसके अंतर्गत हाल में 50 और लॉन में 100 लोगों की एकत्रता की अनुमति दी गई है लेकिन मैरिज पैलेस मालिक इससे संतुष्ट नहीं हैं।

उनका कहना है कि अगर फैक्टरियां, सिनेमा हॉल, मॉल्स इत्यादि खुल सकते हैं तो मैरिज पैलेस अपनी आधी क्षमता के साथ क्यों नहीं खुल सकते।
एकत्र जानकारी के मुताबिक पंजाब में लगभग 3500 रजिस्टर्ड मैरिज पैलेस व रिसोर्ट्स हैं, करीब 2000 ऐसे मैरिज पैलेस व रिसोर्ट्स हैं जिनकी कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। अकेले लुधियाना में ही लगभग 130 मैरिज पैलेस व रिसॉट बताए जाते हैं। इस वर्ष अप्रैल व मई महीने में लगभग 1300 विवाह समारोहों के लिए लुधियाना में बुकिग की गई थीं। इनमें से 80 प्रतिशत बुकिंग पहले ही रद्द की जा चुकी हैं क्योंकि लोगों के लिए कम संख्या में अतिथि बुला कर विवाह समारोह करना संभव नहीं है। बुकिं ग रद्द करवा कर लोग अपनी एडवांस रकम भी वापस मांगते हैं।

यहां समारोहों को रद्द करवा कर लोग पड़ोसी राज्यों में जाकर ‘डैस्टिनेशन वैडिंग’ का आयोजन कर रहे हैं। जिन पड़ोसी राज्यों की तरफ लोग रुख कर रहे हैं उनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और जम्मू शामिल हैं जहां विवाह समारोहों में ज्यादा लोगों की एकत्रता की छूट है। हरियाणा में किसी भी मैरिज पैलेस के हॉल में 200 और लॉन में 500 लोग एकत्र हो सकते हैं।

लुधियाना में कई मैरिज पैलेस व रिसोर्ट्स ऐसे भी हैं जहां एक साथ 2 या 3 विवाह समारोह हो सकते हैं। कई मैरिज पैलेस व रिसॉर्ट्स 2000 अतिथियों के लिए भी इंतजाम कर सकते हैं लेकिन इस समय इनमें वीरानगी छाई है। सबसे बड़ी बात है कि लगभग 250 लोगों की रोजी-रोटी एक मैरिज पैलेस से चलती है। अगर मैरिज पैलेस अपनी आधी क्षमता के साथ भी नहीं खुलेंगे तो उनका भविष्य क्या होगा। अगर हालात में सुधार न हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब उन्हें अपना कारोबार चलाने के लिए मुलाजिम नहीं मिलेंगे। वैसे कुछ मुलाजिम पहले ही पड़ोसी राज्यों में रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं क्योंकि मालिक बिना काम इनको सैलरी देने में असमर्थ हैं। लुधियाना मैरिज पैलेस वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह (संत) व प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने सरकार से गुजारिश की है कि मैरिज पैलेसों को कम से कम आधी क्षमता के मुताबिक काम करने की अनुमति दी जाए ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके।

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Tania pathak