सरकार की कर्मचारियों को चेतावनी, एक माह में रिकार्ड डिजीटल करो या सजा भुगतो

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2019 - 12:43 PM (IST)

जालंधर(मोहन): तमाम सरकारी रिकार्ड को डिजीटल न करने पर भड़की पंजाब सरकार ने एक बार फिर से गंभीर नोटिस लेते हुए कर्मचारियों को सख्त कार्रवाई की घुड़की दी है। गत 5 वर्ष में पंजाब के मुख्य सचिव कई बार ऐसे चेतावनी पत्र औपचारिकतावश जारी कर चुके हैं, परन्तु हर बार सरकार इस पर अमल करवाना भूल जाती है। इस बार सरकार ने एक माह का समय दिया है। साथ ही तमाम रिकार्ड को ‘हाईटैक’ करने की तैयारी कर रही पंजाब सरकार के पास स्कैनर पुराने हैं। इंटरनैट बैलगाड़ी की रफ्तार वाला है और प्रिंटर भी धक्का स्टार्ट है।

इधर पंजाब सरकार के मुख्यालय, बड़े और छोटे सचिवालय के कर्मचारियों ने कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं परन्तु अगर सरकार साधन उपलब्ध नहीं करवाती तो वे मुख्य सचिव के निर्देशों को नहीं मानेंगे। वर्ष जून 2014 से ही पंजाब सरकार तमाम रिकार्ड को डिजीटल करने के प्रयासों में है। सूत्र बताते हैं कि कई अधिकारी सरकार के रिकॉर्ड को डिजीटल करने के पक्ष में नहीं हैं। कारण साफ है कि अधिकारी फाइलों को लम्बे समय अपने पास रख कर बैठे रहते हैं और अनेक बार फाइल के दस्तावेज में फ्लूड लगा कर टिप्पणियों को अपने मनमाफिक बदलते रहते हैं। अगर रिकार्ड डिजीटल हो गया तो ऐसे अधिकारियों का खेल चौपट हो जाएगा। 

मुख्य सचिव द्वारा जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग को झाड़ लगाई थी कि अनेक निर्देशों के बावजूद रिकॉर्ड को आई.डब्ल्यू.डी.एम. इंटीग्रेटेड वर्कफ्लो डॉक्यूमैंट मैनेजमैंट सिस्टम के तहत डिजीटल नहीं किया गया जोकि सरकार के निर्देशों की अवहेलना है और इससे संबंधित लोगों के विरुद्ध अनुशासनात्मक करवाई की जाएगी। मुख्य सचिव की इस झाड़ पर जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने सचिवालय की तमाम करीब 134 ब्रांचों को अपना रिकार्ड माह में डिजीटल करने अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। 

कर्मचारियों के लिए मुश्किल यह भी है कि अधिकतर स्कैनर पुराने समय के हैं जो 30-40 पृष्ठ के बाद कार्य करना बंद कर देते हैं जबकि कई ब्रांचें ऐसी हैं जिनमें एक-एक फाइल करीब एक हजार पन्नों की है। इससे भी बड़ी परेशानी यह है कि किसी फाइल पर पहले सीनियर सहायक अपना नोट लगाता है जिसे अधीक्षक के पास भेजा जाता है जो इसे अपने नोट के साथ अंडर सैक्रेटरी के पास भेजता है जो इसे आगे एडीशनल सैक्रेटरी अथवा डिप्टी सैक्रेटरी के पास भेजता है। आखिर में फाइल प्रिंसीपल सैक्रेटरी के पास जाती है। वल्र्ड प्रणाली में भेजी फाइल पर नोट लगाना असंभव हो रहा है जबकि फाइल के असंख्य पन्नों को ढीले स्कैनर और इंटरनैट के माध्यम से भेजने में लम्बा समय लग सकता है। 

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी रिकार्ड को डिजीटल किया जिसे 2 वर्ष लगे और वह भी एक निजी कम्पनी को ठेका देकर जिसके पास पेशेवर स्कैनर थे। रिकार्ड डिजीटल करने के लिए कर्मचारियों को 15 अगस्त का समय दिया गयाहै। दूसरी तरफ  सचिवालय कर्मचारी यूनियन के नेटर सुखचैन सिंह खैरा ने कहा कि वे रिकार्ड को डिजीटल करने के लिए तैयार हैं परन्तु फिर वे फाइलों को अधिकारियों के समक्ष नहीं ले जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना सिस्टम अपडेट किए अगर सरकार ने कोई जबरदस्ती की तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।

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