जालंधर-नकोदर हाईवे पर चिट्टी बेईं का पानी खेतों व झोपडिय़ों में घुसा, बेघर हुए 60 परिवार

punjabkesari.in Thursday, Sep 27, 2018 - 10:56 PM (IST)

जालंधर(रविंदर शर्मा): सत्ता के खेल भी बेहद अजीब हैं। जब जनता की वोट लेने की बारी होती है तो राजनेता उनके आगे पीछे घूमते हैं। मगर जब जनता को मदद की जरूरत होती है तो यही राजनेता आंखें दिखाने लगते हैं। शायद इन दस्तूर के कारण ही हमारा लोकतंत्र लगातार कमजोर हो रहा है और जनता का विश्वास भी लोकतंत्र से डांवाडोल हो रहा है। 

दरअसल जालंधर-नकोदर हाईवे पर चिट्टी बेईं का पानी ओवर फलो होकर खेतों व झुग्गी झोपडिय़ों में घुस गया था। इस पानी ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले तकरीबन 50 से 60 परिवारों को बेघर कर दिया। अब आमूमन बात करें तो कहा जाएगा कि यह लोग तो झुगियां बनाकर अवैध रूप से रह रहे थे। मगर इन्हें अवैध रूप से यहां किसने जगह दी और किसने विकसित किया तो इसका जबाव यह है कि खुद सत्तासीन नेताओं ने इन्हें यहां विकसित होने दिया। बकायदा इन लोगों की वोट बनाई गई। बकायदा इनके पास आधार कार्ड इसी जगह का है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि जिला परिषद के चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता इनके आगे पीछे मंडराते रहे। 

परिवार के लोगों का कहना है कि उन्होंने जिला परिषद चुनाव में खुलकर कांग्रेस का साथ दिया और उन्हें वोट दी। मगर जब वह बेघर हो गए, तो उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। कोई भी राजनेता, विधायक और सांसद उनकी सार लेने नहीं आया। लोगों का कहना है कि उन्होंने नकोदर एसडीएम को भी मदद के लिए कई बार फोन किया, मगर वहां से भी कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दी। कुल मिलाकर पानी से बेघर हुए यह 60 परिवार आज भी टकटकी लगाकर सत्ता से उममीद लगाएं बैठे हैं कि शायद उनके उजड़े घरों में दोबारा सरकार रौनक भर दे। 
 

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