जहरीला हो गया है पांच दरियाओं का पानी, नहीं रहा मानवीय प्रयोग के लायक

punjabkesari.in Wednesday, Jun 08, 2022 - 01:45 PM (IST)

चंडीगढ़ : प्रदूषण चाहे किसी भी किस्म का क्यों न हो मानवीय जीवन पर उसका प्रभाव बुरी तरह ही पड़ता है। यदि पंजाब के पानी की बात करें तो विशेषज्ञों की रिपोर्ट मुताबिक के पंजाब के दरियाओं और नहरों का पानी अब मानवीय प्रयोग लायक नहीं रहा। सतलुज और घग्गर में ड्रेनों और फैक्टरियों का पानी मिलाया जा रहा है, जबकि ब्यास में मरे पशु फेंके जा रहे हैं। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) ने मार्च महीने में इन तीनों दरियाओं के पानी के 23 सैंपल लिए थे, जिनमें से 17 सैंपलों की रिपोर्ट तसल्लीबख्श नहीं थी। उन रिपोर्टों में यह कहा गया था कि इन दरियाओं का पानी न तो स्नान योग्य है और न ही पीने योग्य है। 16 मई को पंजाब के जल स्रोत विभाग के मुख्य इंजीनियर ने फिरोजपुर केनाल सर्कल के रखवाला इंजीनियर को पत्र लिख कर हरीके हैड वर्क्स से अलग-अलग इलाकों को स्पलाई होने वाला पानी न पीने की चेतावनी दी थी। इसके इलावा कहा गया है कि यह पानी सिर्फ सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस मुद्दे पर बात करते हुए राज्य सभा मैंबर और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि पंजाब के दरियाओं को बचाने के लिए क्रांति लानी पड़ेगी। पंजाब के दरियाओं का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है। इंडस्ट्री का सारा दूषित पानी चोरी नदियों में छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पी.पी.सी.बी. की तरफ से लिए गए सैंपलों में ज्यादातर सैंपल डी और ई क्वालिटी वाले हैं और इस पर काबू पाने के लिए क्रांति लानी पड़ेगी। 

बता दें कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में वाटर एक्ट के अंतर्गत 10 सालों में 5,096 केस दर्ज किए गए हैं पर इसके बावजूद पानी को दूषित करने का सिलसिला रुका नहीं।

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News Editor

Kalash

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