क्या कै. अमरेन्द्र सिंह अपने विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?

punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 02:20 PM (IST)

जालंधर (राकेश): नशीली शराब पीने से माझा के तीन जिलों तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर के बटाला में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई तथा कई लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है। इस बीच पता चला है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह शुक्रवार को तरनतारन जा रहे हैं। उनके साथ डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता और सी.पी.सी. सुरेश कुमार भी मौजूद रहेंगे। मौत के जामों को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है।

कांग्रेसी नेताओं पर अंगुलियां उठ रही हैं, जिनमें कांग्रेस के कुछ विधायक भी शामिल हैं। जहरीली शराब के अलावा पिछले कुछ समय में पंजाब में नकली शराब का जो कारोबार चल रहा है उसमें भी कांग्रेस के कुछ नेताओं के नाम आए हैं, जिनमें पटियाला, खन्ना, मोहाली और लुधियाना देहाती के कुछ विधायकों के नाम शामिल हैं। इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) ने उनकी जांच तक शुरू कर दी है। ई.डी. यह आरोप लगा रही है कि सरकार की तरफ से उसे सहयोग नहीं मिल रहा । बार-बार कहने के बावजूद पुलिस इस संबंध में रिकार्ड नहीं दे रही। अब यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। इसलिए कल कै. अमरेन्द्र सिंह को तरनतारन का दौरा करना पड़ रहा है। ऐसी चर्चा है कि कै. अमरेन्द्र सिंह अपनी प्रतिष्ठा को बेहतर बनाने के लिए अपनी पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं।   सूत्रों का कहना है कि  मुख्यमंत्री ने स्टैंडिंग आर्डर दिया है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और अगर कांग्रेस के किसी नेता पर आरोप सिद्ध होते हैं तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अकेला बयान ही नहीं दिया, बल्कि सीधे आदेश भी दिया है कि अफसर किसी राजनीतिक दबाव में आए बिना पारदर्शिता से अपना काम करें।  

राजनीतिक गलियारों में यह आम चर्चा है कि कै. अमरेन्द्र सिंह की नजरें 2022 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं और अपनी छवि को सुधारने के लिए जमीनी स्तर पर काम करेंगे और अपने विधायकों और पार्टी नेताओं के खिलाफ एक्शन लेने से भी हिचकिचाएंगे नहीं। यह भी हो सकता है कि कल अपने तरनतारन दौरे के दौरान वह इस संबंध में कोई संकेत भी दें। इसका कारण यह है कि पार्टी के अंदर भी यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पार्टी नेता शमशेर सिंह दूलो और प्रताप सिंह बाजवा इस मुद्दे पर सरकार का खुलकर विरोध कर रहे हैं और उन्होंने राज्यपाल से बात भी की है। वहीं कैप्टन के कुछ मंत्रियों ने उनकी बर्खास्तगी की मांग भी कर दी है। इस कारण मुख्यमंत्री खुद फ्रंट लाइन पर आ गए हैं। उन्होंने कल खुद ग्राऊंड फ्लोर पर जाकर बड़ा एक्शन लेने के संकेत दिए हैं। यह भी पता चला है कि प्रदेश की खुफिया एजैंसियां और दूसरे अदारे अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को देने वाले हैं। अब यह पता लगाया जा रहा है कि जिन लोगों के नाम इस मामले में आ रहे हैं क्या सच वे जिम्मेदार हैं या राजनीति के तहत उन्हें टार्गेट बनाया जा रहा है। 


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