जब पंजाब विधानसभा में स्पीकर को बोले नवजोत सिद्धू, ‘सरदार खुश हुआ...’

punjabkesari.in Thursday, Mar 11, 2021 - 09:43 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को विधानसभा में ई.डी. मामले में निंदा प्रस्ताव लाने पर स्पीकर का धन्यवाद करते कहा कि सदन ने यह प्रस्ताव लाकर बहादुरी दिखाई है। उन्होंने कहा  कि पूरे देश में इससे एक संकेत गया है। सिद्धू ने स्पीकर को भी बधाई दी और कहा कि ‘सरदार खुश हुआ।’ 

वहीं वित्त मंत्री के बजट समापन भाषण के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक विरोध जताते हुए अपनी सीटों पर खड़े हो गए। इस पर विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन की कार्रवाई को लाइव कर देना चाहिए, फिर देखते हैं कौन-कौन बैंच पर खड़ा होता है। सिद्धू ने कहा कि सदन की एक मर्यादा होती है लेकिन यहां पर मर्यादा का उल्लंघन करते हुए विपक्ष बैंच पर ही चढ़ा हुआ है। वह जब स्कूल में थे तो नालायक बच्चों को बैंच पर खड़े होने की सजा दी जाती थी। हमें इस सदन में विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के लिए भेजा जाता है। सदन में असहमत हुआ जा सकता है। बहस की जा सकती है, जिसका जवाब भी मिलना चाहिए लेकिन मर्यादा भंग करना सही नहीं। 

सिद्धू ने स्पीकर को आग्रह किया कि तार-तार होने वाली सदन की मर्यादा को भंग होने से रोका जा सकता था। अगर सदन के सदस्य बात से सहमत हों तो हाऊस की प्रोसीडिंग्स को लाइव कर दिया जाए। सिद्धू ने कहा कि विधानसभा की कम से कम 40 सिटिंग को भी बढ़ाकर 60 करना चाहिए। तकनीकी मंत्री व विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने भी सिद्धू की बात का समर्थन किया। कोटली ने तो पंजाब विधानसभा का भी अलग से चैनल शुरू करने की बात कही। इस पर स्पीकर ने भी आश्वस्त किया कि विधानसभा की कार्रवाई को लाइव करने पर विचार किया जा रहा है। इस मामले में कमेटी का गठन भी किया गया है। इस दिशा में जल्द कदम 
उठाए जाएंगे।

केंद्र ने लोकतंत्र को डंडातंत्र और भयतंत्र बना दिया’
विधानसभा में नवजोत सिंह सिद्धू विधायक सुखपाल सिंह खैहरा पर ई.डी. की रेड को लेकर खूब बिफरे। शून्यकाल में सिद्धू ने कहा कि केंद्र ने लोकतंत्र को डंडातंत्र व भयतंत्र बनाकर रख दिया है। खिलाफ बोलने वाले को ड्रग या मनी लांड्रिंग से जोड़ा जाता है। अगर ड्रग को लेकर कार्रवाई ही करनी थी तो ‘6 फुट 4 इंच’ को सम्मन क्यों नहीं भेजा। ई.डी. के निरंजन सिंह की ट्रांसफर क्यों की। यह डबल स्टैंडर्डस है। यह सरकार नहीं, तानाशाही है। सिद्धू ने कहा-सिख समुदाय ने ढाल बनकर देश की रक्षा की है लेकिन आज उन्हें ही खालिस्तानी कहा जा रहा है। किसानों को कहा जाता है कि वे राष्ट्रधर्मी नहीं हैं। इस दौरान विधायक कंवर संधू, सुखपाल खैहरा ने भी ई.डी. रेड पर विरोध जताया।
 


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Vatika

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